नई दिल्ली । कांग्रेस नेता तारिक अनवर (Congress leader Tariq Anwar) ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में (In Delhi Assembly Elections) हमारी पार्टी (Our Party) पूरी ताकत से मुकाबला करेगी (Will Contest with Full Strength) ।
तारिक अनवर ने कहा कि “मैं मानता हूं कि केजरीवाल की पार्टी यहां मजबूत स्थिति में है, लेकिन दिल्ली के लोगों को वर्तमान राज्य और केंद्र सरकार से बहुत सारी शिकायतें हैं। दोनों सरकारों को दिल्ली के साथ जिस तरह से न्याय करना चाहिए था, उन्होंने वैसा नहीं किया। इसलिए दिल्ली के लोगों को शीला दीक्षित की सरकार याद आ रही है, क्योंकि उनके समय में दिल्ली का जो विकास हुआ है, आज भी वही लोगों की नज़र में है।”
कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने बिहार में बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सरकार पर सवाल भी खड़े किए। कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने मंगलवार को कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं हमेशा कहता हूं कि जो नेता छात्र आंदोलन की उपज हैं, अगर वही छात्रों का दमन करें तो यह बहुत अजीब बात है। मेरा मानना है कि नीतीश कुमार को छात्रों को बुलाना चाहिए था और इस मुद्दे पर उनके साथ बातचीत करनी चाहिए थी। सरकार को उनकी समस्या को समझते हुए उन्हें संतुष्ट करने की आवश्यकता थी, न कि उन पर लाठीचार्ज होना चाहिए था। मेरा मानना है कि वहां जो भी हुआ, वह गलत था।”
उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सीएम आतिशी और मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने के दावे पर कहा, “ऐसी संभावना तो हमेशा रहती है, क्योंकि भाजपा जब कमजोर होती है तो वह हमेशा सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करती है। चाहे वह सीबीआई हो या ईडी हो या फिर आयकर विभाग हो। वह कोई भी धारा लगाकर विपक्ष को कमजोर करना चाहती है। अगर उन्होंने इस तरह का दावा किया है कि यह काम कभी भी हो सकता है।”
तारिक अनवर ने छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले पर कहा, “हमारे गृहमंत्री दावा तो हमेशा करते हैं, लेकिन उनके दावे के विपरीत घटनाएं होती रहती हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, उन्होंने देश को आश्वस्त किया था कि अब कोई नक्सल आंदोलन बचा नहीं है, लेकिन इस तरह की घटना हर कुछ दिनों के बाद घटती है, जिसमें हमारे जवान शहीद होते हैं।”
तारिक अनवर ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे पर कहा, “मेरा मानना है कि इस मामले में भारत सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। यह वहां की राजनीतिक परिस्थिति है और उनका इस्तीफा उसी का नतीजा है। यह बात बिल्कुल सही है कि ट्रूडो का रवैया भारत के प्रति अच्छा नहीं था। उनका बर्ताव भारत के विरुद्ध दिखाई देता था, अब जो भी वहां व्यवस्था बनेगी। मुझे लगता है कि भारत सरकार के साथ उनका संबंध ठीक होगा।”
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