इंदौर। रियल इस्टेट ( real estate) के कारोबार ( business) में एकाएक आई तेजी का फायदा कालोनाइजरों और ब्रोकरों (Brokers) ने जमकर उठाया और धड़ल्ले से डायरियों पर बिना सक्षम स्वीकृतियों के ही हजारों भूखंड बेच डाले। इस गोरखधंधे को रोकने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने जहां 9 दलालों के खिलाफ गिरफ्तारी (Arrest) वारंट जारी करवा दिए तो दूसरी तरफ कालोनाइजरों से लेकर भूखंड खरीदारों से भी दो टूक कहा कि वे अपने डायरी के कारोबार को विधिवत एग्रीमेंट के जरिए निष्पादित करें। कलेक्टर (Collector) का स्पष्ट कहना है कि हमारी मंशा दो नम्बरी कारोबार को संरक्षण देने या उसकी वसूली करवाने की नहीं है, बल्कि भविष्य में होने वाली बड़ी ठगी को रोकने की है। अभी गृह निर्माण संस्थाओं के अलावा निजी कम्पनियों द्वारा विकसित की गई टाउनशिप में भी ढेरों शिकायतें मिलती हैं और इसी तरह पिछले वर्षों में डायरियों पर बेचे गए भूखंडों से संबंधित शिकायतें भी आती हंै। लिहाजा पुलिस-प्रशासन इस कारोबार से जुड़े लोगों को सुधरने का एक मौका दे रहा है, उसके बाद उनकी कोई सुनवाई नहीं की जाएगी।
कलेक्टर (Collectoe) की इस मुहिम का निवेशकों से लेकर आम जनता ने समर्थन किया है। उनका कहना है कि कार्रवाई से धंधे में आई गंदगी साफ भी होगी और साफ-सुथरा रियल इस्टेट का कारोबार चलेगा। इंदौर के भूमाफिया और जमीनी जादूगर पूरे देश में मशहूर हैं। जितनी तरह की धोखाधड़ी इंदौर में होती है, उतनी देश के किसी भी हिस्से में नहीं। यहां तक कि तमाम गृह निर्माण संस्थाओं पर भूमाफियाओं ने कब्जे जमा लिए और सालों से पीडि़त चप्पलें घिस रहे हैं। उन्हें भी कलेक्टर मनीष सिंह ने भूखंडों का कब्जा दिलवाने की मुहिम शुरू की है, जो अभी लगातार जारी भी रहेगी, लेकिन उसके साथ-साथ कई कम्पनियों और निजी बिल्डर-कालोनाइजरों के खिलाफ भी लगातार शिकायतें मिलती हैं। विकास कार्य, रजिस्ट्री ना कराने, कब्जा ना देने सहित कई शिकायतें जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन व अन्य माध्यमों से मिलती हैं। इसी बीच लॉकडाउन के बाद डायरियों के धंधे में एकाएक तेजी आ गई। इंदौर की चारों दिशाओं में कई किलोमीटर दूर-दूर तक खेतों में कालोनियों की प्लानिंग कर ली गई और रंग-बिरंगे नक्शे बनाकर भूखंडों की बुकिंग डायरियों के माध्यम से कर डाली। शहर के कई दलाल इस काम में कूद पड़े और जितने भी छोटे-बड़े बिल्डर थे, वे सब कालोनाइजर बन गए। 5-10 बीघा से लेकर 100-150 बीघा तक कालोनियां कागजों पर कटने लगीं, जिनमें किसी तरह की वैध अनुमतियां नहीं ली गईं।
अच्छे कारोबारियों की करेंगे मदद… आज क्रेडाई की बुलाई बैठक
कलेक्टर मनीष सिंह Collector Manish Singh) का कहना है कि इंदौर में रियल इस्टेट कारोबार महत्वपूर्ण है, जिसमें प्रदेशभर के निवेशक रुचि लेते रहे हैं। अच्छे-बिल्डरों कालोनाइजरों की प्रशासन पूरी मदद भी करेगा। आज उनकी अधिकृत संस्था क्रेडाई के पदाधिकारियों को चर्चा के लिए बुलाया भी गया है। दो नम्बर का अवैध कारोबार करने, डायरियों पर माल बेचने वालों पर सख्ती के साथ साफ-सुथरे कारोबारियों को विकास अनुमति दिलवाने से लेकर रेरा रजिस्ट्रेशन तक में मदद की जाएगी। नगर तथा ग्राम निवेश, निगम और कलेक्ट्रेट में इसके लिए विशेष बंदोबस्त भी किए जा रहे हैं।
फर्जी रजिस्ट्रियां तक कराने लगे कई दबंग दलाल
कालोनाइजरों और दलालों की सांठगांठ इतनी तगड़ी हो गई कि करोड़ों रुपए का माल लॉन्चिंग के सथ एक दिन में ही निवेशकों को झूठे सपने दिखाकर बेच दिया जाता है, वहीं कई चर्चित दलाल तो पानी पर मलाई जमाने के मामले में भी मशहूर हैं। अभी पुलिस-प्रशासन और निगम ने एरोड्रम क्षेत्र में जिस दलाल प्रवीण अजमेरा के खिलाफ कार्रवाई की उसने तो फर्जी रजिस्ट्री ही करवा डाली।
आयकर विभाग भी हुआ सक्रिय… कसेगा शिकंजा
प्रशासन दो नम्बर के डायरी कारोबार की जानकारी आयकर विभाग को भी उपलब्ध करवाएगा, वहीं मीडिया में लगातार आ रही खबरों के चलते आयकर विभाग भी सक्रिय हो गया है और संबंधित कालोनाइजरों-दलालों पर शिकंजा कसने की तैयारी भी है। अभी प्रशासन ने 9 बड़े दलालों को तलब किया है। उनसे मिलने वाली जानकारी आयकर के लिए भी लाभदायक साबित होगी।
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