नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग में डिसइंगेजमेंट का काम पूरा हो चुका है. भारत और चीन के सैनिकों की वापसी हो गई है. कल यानी शुक्रवार से इन जगहों पर पेट्रोलिंग भी शुरू हो जाएगी. दोनों देशों के बीच होने वाली पैट्रोलिंग पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने एलएसी पर कुछ क्षेत्रों में कन्फिक्ट को रिसाल्व करने के लिए भारत और चीन के डिप्लोमैटिक और मिलिट्री दोनों ही लेवल पर बात हो रही थी.
ग्राउंड सिचुएशन को रिस्टोर करने कि लिए आपस में ब्रांड कन्सेसस हुई है. यह कन्सेसस इक्वल और मैच्यूअल सिक्योरिटी के बेसिस पर डेवलप हुई है, जो सहमति बनी है. उसके अंतर्गत ट्रेडिशनल एरिया में पेट्रोलिंग और गेजिंग के अधिकार भी शामिल है. इस सहमति के आधार पर डिसएंगेजमेंट का प्रोसेस पूरा हो गया है. हमारी कोशिश है कि बात डिसएंगेज से आगे बढ़े लेकिन इसके लिए हमें प्रतीक्षा करनी पड़ेगी.
उन्होंने कहा कि हम चीन के साथ आम सहमति के जरिए शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं. कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जबकि सरकार शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. यह एलएसी पर सीमा से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम है. हमारे प्रयासों के बाद हम एलएसी पर जमीनी हालात पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से पूर्वोत्तर बहुत महत्वपूर्ण है. यह क्षेत्र प्राकृतिक दृष्टि से जितना सुन्दर है, भौगोलिक दृष्टि से उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है. भारत और चीन मुद्दों को सुलझाने के लिए लंबे समय से बातचीत कर रहे हैं. सेना के जवानों से बातचीत में सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच जो सहमति बनी है, यह कोई छोटी बात नहीं है, यह बहुत बड़ी बात है. हमने यह सब आपके कारण ही हासिल किया है. यह आपसी संवाद इसलिए संभव हो पाया क्योंकि हर कोई आपके साहस और पराक्रम से परिचित है.
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