उज्जैन। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार न केवल वहाँ निवासरत हिंदुओं तक सीमित है बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक अस्मिता पर सीधा हमला है। बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ संपूर्ण भारत के हिंदू चट्टान की तरह खड़े हैं। वहाँ कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर किए जा रहे अत्याचार को रोकने के लिए केन्द्र सरकार और संयुक्त राष्ट्र संघ को हस्तक्षेप करना चाहिए।
यह बात बुधवार को निकाली गई जनआक्रोश रैली में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए डॉ. माला सिंह ठाकुर ने कही। कल दोपहर 3 बजे सामाजिक न्याय परिसर में सकल हिन्दू समाज का एकत्रीकरण रखा गया, जिसमें हजारों की संख्या में सर्व समाज के लोग शामिल हुए। इसके उपरांत शहीद पार्क तक जनआक्रोश रैली निकाली गई जो विभिन्न मार्गों से होती हुई शहीद पार्क पहुंची, यहां राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन जिला कलेक्टर नीरज सिंह को सौंपा गया। रैली में बड़ी सँख्या में मातृशक्ति, युवा, संत समाज और सकल हिंदू समाज के लोग हजारों की संख्या में शामिल हुए। इस मौके पर शहीद पार्क पर सभा का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. माला सिंह ठाकुर, संत रामदास महाराज, जसविंदर ठकराल, अशोक भंडारी और संयोजक विनोद शर्मा मौजूद रहे। मुख्य वक्ता डॉ. ठाकुर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश में जिस प्रकार से लगातार बहनों और हिंदू समाज पर अत्याचार किए जा रहे हैं। वहीं हमारी आस्था के केंद्र धर्म स्थलों पर हो रहे आक्रमण भी होर रहे हैं, उससे संपूर्ण हिंदू समाज आक्रोशित हो रहा है और आज उसी आक्रोश का सामूहिक प्रदर्शन आज हुआ है। बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ भारत का संपूर्ण हिंदू समाज चट्टान की तरह खड़ा है। उन्होंने कहा हम संयुक्त राष्ट्र महासंघ और भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि वह दंगाइयों पर तुरंत कार्रवाई के लिये बांग्लादेश की सरकार पर दबाव बनाए और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंतन होना चाहिए। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी सभा को संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि यह केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि हमारी साझा सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिक अस्मिता और पारस्परिक सम्मान पर सीधा हमला है। इसके बाद सर्व हिंदू समाज ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप कर कहा कि हम, भारत के नागरिक और सकल हिंदू समाज के प्रतिनिधि, बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति अपनी गहरी चिंता और विरोध व्यक्त करते हैं।
यह माँगें रखी गईं ज्ञापन में
भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जाए ताकि वहां हिंदू अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और धार्मिक स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके। संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश सरकार को इन अत्याचारों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए ताकि इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृत्ति न हो।
बांग्लादेश में हाल की प्रमुख घटनाओं का उल्लेख
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