नई दिल्ली। भारत-मध्य एशिया समिट (India-Central Asia Summit) की पहली बैठक में वर्चुअली हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा है कि पिछले 3 दशकों (Last 3 decades) में हमारे सहयोगियों (Our Allies) ने कई सफलताएं (Many Successes) हासिल की हैं (Achieved) ।
भारत और मध्य एशिया देशों के कूटनीतिक संबंधों ने 30 सार्थक वर्ष पूरे कर लिए हैं । अब इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर हमें आने वाले सालों के लिए एक महत्वाकांक्षी विजन परिभाषित करना चाहिए। ऐसा विजन जो बदलते विश्व में हमारे लोगों विशेषकर युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को पूरा कर सके।
भारत-मध्य एशिया समिट ही पहली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के समिट के 3 प्रमुख उद्देश्य हैं। पहला यह स्पष्ट करना कि भारत और मध्य एशिया का आपसी सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए अनिवार्य है। भारत की तरफ से मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मध्य एशिया एक एकीकृत और स्थिर विस्तारित पड़ोस के भारत के दृष्टिकोण का केंद्र है। दूसरा उद्देश्य हमारे सहयोग को एक प्रभावी ढांचा देना है। इससे विभिन्न स्तरों पर और विभिन्न हितधारकों के बीच नियमित बातचीत का एक ढांचा स्थापित होगा और तीसरा उद्देश्य हमारे सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप बनाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए हम सभी की चिंताएं और उद्देश्य एक समान हैं। अफगानिस्तान के घटनाक्रम से हम सभी चिंतित हैं। इस सन्दर्भ में भी हमारा आपसी सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए और महत्वपूर्ण हो गया है।
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