नई दिल्ली । भारतीय सीरम संस्थान ने साफ किया कि कंपनी को अभी तक उसकी कोविड-19 वैक्सीन का दूसरे देशों को निर्यात करने के संबंध में अधिकारियों से अनुमति नहीं मिली है। इससे पहले रविवार को भारत सरकार ने एक साथ दो वैक्सीनों (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) के आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी।
बता दें कि ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है, जबकि इसका उत्पादन भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है। वहीं, ‘कोवैक्सीन’ को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर बनाया है। भारत में अभी कोरोना वायरस की सात और वैक्सीन भी बन रही हैं।
इतनी बैठेगी वैक्सीन की लागत
इसके साथ ही सीरम संस्थान ने बताया कि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन की लागत सरकार को प्रति खुराक 3-4 डालर (219-292 रुपये) बैठेगी। दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन विनिर्माता एसआईआई के पास कोविड-19 वैक्सीन की खुराक के उत्पादन का लाइसेंस है और अब तक वह पांच करोड़ खुराक का उत्पादन भी कर चुकी है।
एसआईआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने कहा कि कंपनी पहले चरण में भारत सरकार और जीएवीआई (वैक्सीन और टीकाकरण के वैश्विक गठजोड़) देशों को कोविशील्ड की बिक्री शुरू करेगी। उसके बाद वैक्सीन की बिक्री निजी बाजार को की जाएगी। पूनावाला ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर यह वैक्सीन भारत और जीएवीआई देशों को दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत और जीएवीआई देशों की जरूरतों को पूरा करने के बाद ही निजी बाजार को यह टीका उपलब्ध कराया जाएगा। पूनावाला ने कहा कि निजी बाजार में यह टीका 6-8 डॉलर में दिया जाएगा। सरकार ने संकेत दिया है कि उसे जुलाई, 2021 तक 30 करोड़ खुराक की जरूरत होगी। शुरुआती दौर में यह वैक्सीन स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों को लगाई जाएगी।
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