भोपाल। कोरोना (Corona) की वजह से अनाथ हो चुके बच्चों की निगरानी अब सीधे केंद्र सरकार (Central Government) करेगी। महिला-बाल विकास विभाग की संचालक स्वाती मीणा नायक (Swati Meena Nayak) ने बताया कि कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की जानकारी नियमित रूप से ‘बाल स्वराज’ पोर्टल (‘Bal Swaraj’ Portal) पर अपलोड (Upload) करना अनिवार्य होगा।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के अंतर्गत इनकी निगरानी करेगा। इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर निर्देश दिए गए हैं। नायक ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने मई से पहले अनाथ हो चुके बच्चों से संबंधित डाटा ‘बाल स्वराज’ पोर्टल (‘Bal Swaraj’ Portal) पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय द्वारा कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की पहचान के लिए जिला कलेक्टर द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस, चाइल्ड लाइन तथा सिविल सोसायटी ऑर्गनाइजेशन के सहयोग से अभियान चलाया जाना। बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत ऐसे अनाथ बच्चों की जांच प्रक्रिया समय-सीमा में पूर्ण करना होगी।
सरकार करेगी लालन-पालन
ऐसे अनाथ बच्चे, जिन्होंने अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है, उन्हें वर्तमान शैक्षणिक सत्र में चाहे वह शासकीय स्कूल हो या निजी, उसी स्कूल में शिक्षा जारी रखने के निर्देश हैं। इसके अतिरिक्त निजी स्कूल में शिक्षा निरंतर रखने में यदि किसी प्रकार की समस्या आती है, तो बच्चे को शिक्षा के अधिकार अधिनियम-2009 अंतर्गत निकट के स्कूल में प्रवेश दिलाए जाने की बात कही है।
पोर्टल से होगी बच्चों की ट्रेकिंग
बाल स्वराज पोर्टल का उद्देश्य बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्चों को पेश किये जाने से लेकर उनके माता-पिता, अभिभावक, रिश्तेदारों को सौंपने और उसके बाद की कार्रवाई तक कोविड-19 से प्रभावित बच्चों की ट्रैकिंग करना है। पोर्टल में प्रत्येक बच्चे के भरे गए डाटा के माध्यम से आयोग इस बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होगा कि क्या बच्चा अपनी पात्रता, लाभ और आर्थिक लाभ प्राप्त करने का हकदार है।
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