नागदा। 84 लाख जीवयोनी में उत्पन्न हुए प्रत्येक जीव की मंशा होती है कि अकाल मृत्यु के स्थान पर वह अपना आयुष को पूर्ण कर मृत्यु पद को प्राप्त करें किंतु मानव अपनी भौतिक सुख सुविधाओं को बढ़ाकर नित प्रतिपल अन्नत जीवों को अकाल मृत्यु प्रदान करने लिए तत्पर है। यह बात साध्वीश्री मुक्तिदर्शनाश्री जी ने कही। उन्होंने कहा चार गति में से मात्र मानव गति ही ऐसी गति है, जिसमें जीवदया कर मोक्ष पद को प्राप्त किया जा सकता है। साध्वीश्री ने उपस्थित श्रद्धालु को सीख देते हुए कहा कि मानव को भौतिक सुख सुविधा को बढ़ाने के स्थान पर आत्मिक सुख सुविधा को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
आदिनाथ कपल गु्रप के तत्वाधान में चातुर्मास हेतु पाठशाला भवन में विराजित साध्वी मुक्तिदर्शनाश्रीजी की निश्रा में गुरूवार को जीवदया महोत्सव एवं सामुहिक आयंबिल का आयोजन किया गया। जीवदया महोत्सव की शुरूआत जीव अनुकंपा दान का आयोजन किया गया। वहीं पाठशाला भवन से जीवदया यात्रा निकाली गई। इस यात्रा के दौरान बालक-बालिकाएं हाथ में तगधी लिए जीवदया का संदेश प्रेषित कर चल रहे थे। जीवदया यात्रा नगर के प्रमुख मार्ग से होते हुए पाडल्या रोड़ स्थित गोपाल गोशाला में जीवदया के कार्यक्रम में परिवर्तित हुई। धर्मसभा के साथ आयांबिल तप पाठशाला भवन में धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा की शुरूआत साध्वीश्री के मंगलाचरण से हुई। धर्मसभा को साध्वीश्री ने संबोधित किया।