इंदौर (Indore)। एमवाय अस्पताल के पास किंग एडवर्ड हॉल में जैन सोशल ग्रुप द्वारा की गई हेलोवीन पार्टी के आयोजकों को मुनिश्री प्रमाणसागर महाराज ने प्रायश्चित करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का कृत्य पैशाचिक कृत्य कहलाता है और यह हमारे धर्म, संस्कृति और परंपरा के विरूद्ध है।
दरअसल कल कुछ डॉक्टर्स जंजीरवाला चौराहा स्थित मुनिश्री के चातुर्मास स्थल पर पहुंचे थे और मुनिश्री से कहा था कि हेलोवीन पार्टी के आयोजकों को आप मार्गदर्शन दें। डॉक्टरों में डॉ. सुमित शुक्ला, डॉ. विनिता कोठारी, डॉ. विशाल कीर्ति जैन शामिल थे। उन्होंने किंग एडवर्ड हॉल जैसी ऐतिहासिक इमारत में जैन सोशल ग्रुप द्वारा की गई हेलोवीन पार्टी की जानकारी प्रमाणसागर महाराज को दी तो उन्होंने भी आश्चर्य व्यक्त किया कि जैन समाज इस प्रकार का कृत्य कैसे कर सकता है। डॉ. शुक्ला ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि विदेश में एक त्यौहार होता है हेलोवीन, जिसमें वो लोग भूत के कपड़े पहनकर एक-दूसरे के घरों में जाते हंै।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज का पुराना भवन है, जहां ैजैन समाज के कुछ युवकों ने पार्टी की और बिल्डिंग को नुकसान पहुंचाया। भूत-प्रेत की आकृति टांगी और वहां गलत हरकतें की, जिससे डॉक्टरों में रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि ऐसे लेागों को आप मार्गदर्शन कीजिए। इस पर मुनिश्री ने कहा कि संगठन के नाम पर अपनी परंपरा को छिन्न-भिन्न करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि भूतहा पार्टी घोर निंदनीय है। इस प्रकार की पार्टी धर्म, संस्$कति और परंपरा के विरूद्ध है और किसी भी तरह से उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टी में अपने आपको भूत की आकृति बनाकर जैसा करोगे तो मरकर वैसे ही भूत बनोगे। मुनिश्री ने कहा कि जो लोग इसमें सम्मिलित थे उनको इसका प्रायश्चित करना चाहिए, क्योंकि इसमें घोर संकल्पीय हिंसा हुई है। यह पाप है। उन्होंने कहा कि आपने अगर से गलती की है तो आप इस पाप का स्वत: प्रायश्चित करें और इसकी पुनरावृत्ति न होने दें। जैन सोशल ग्रुप से उन्होंने कहा कि आप अपने कार्यक्रमों पर नियंत्रण रखें। ये सब चीजें ठीक नहीं है, आधुनिकता के नाम पर संस्कृति का विनाश ठीक नहीं है।
चारों ओर हो रहा हेलोवीन पार्टी का विरोध
हेलोवीन पार्टी का चारों ओर विरोध हो रहा है। एमजीएम एलुमनाई एसोसिएशन के डॉक्टरों ने सबसे पहले इसका विरोध किया था। उन्होंने ही कल संयोगितागंज थान में एसीपी को आवेदन देकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। हालंाकि अभी इस संबंध में न तो पुरातत्व विभाग ने कोई एक्शन लिया है और न ही एमजीएम कॉलेज प्रबंधन ने। इसको लेकर सोशल मीडिया पर देश से लेकर विदेशों में भी आलोचना हो रही है। जिन लोगों ने एमजीएम से डिग्री ली है, उनमें भी इसको लेकर रोष हैं। इसके साथ ही जैन समाज के लोगों द्वारा इस प्रकार की पार्टी आयोजित करने पर ही जैन समाज में भी विरोध हो रहा है।
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