जबलपुर। वनवासी चेतना आश्रम ग्वारीघाट में तृतीय वल्र्ड रामायण कॉन्फ्रेंस की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दिनांक 6, 7 एवं 8 को आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया। आयोजन समिति के सचिव डॉ अखिलेश गुमास्ता ने दिनांक 5,6, 7 एवं 8 जनवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रमों एवं आने वाले अतिथियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की। आपने बताया कि दिनांक 5 जनवरी को दोपहर 3 बजे मानस भवन में सुंदरकांड पाठ की पूर्णाहुति होगी इसके उपरांत सायं 6 बजे ग्वारीघाट में माँ नर्मदा आरती के उपरांत वहां से माँ नर्मदा का जल लाते हुए मानस भवन में नर्मदा कलश की स्थापना की जाएगी। दिनांक 6, 7 एवं 8 को सुबह 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक मानस भवन में रामायण पर अकादमिक, साहित्यिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विधा के विद्वान एक मंच पर उपस्थित होकर अपने विचार एवं शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।
इस कॉन्फ्रेंस में अध्यात्मवादी संत बाबा कल्याण दास जी अमरकंटक, पीपी गोस्वामी अभरन बाबा अहमदाबाद, कृष्ण कांत चतुर्वेदी भारत कलाकार व्यमेश शुक्ला भारत, नीरीरत थाईलैंड, दहनान इंडोनेशिया, रामायण शिक्षाविद जैफ्री आर्मस्ट्रांग कनाडा, फिलिप बिनायट फ्रांस, चिरापत प्रपन्न विद्या थाईलैंड, मनोज श्रीवास्तव भारत, श्रीलंका से मिनिस्टर ऑफ कल्चर विदुर विक्रमाना, मारिसश से मिनिस्टर आफ कल्चर अविनाश तिलक, स्विट्जरलैंड से निक गूगर, सतीश जोशी आदि विद्वान इस कॉन्फ्रेंस में आ रहे हैं। इसके साथ ही अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे, मिनिस्टर आफ कल्चर अर्जुन रामपाल, केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, सांसद राकेश सिंह, पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष विनोद गोटिया की भी कार्यक्रम में सहभागिता होगी। रमाशंकर कटारे के द्वारा मंडला से आने वाली रामधुन के कलाकारों की जानकारी दी गई। नर्मदा आरती प्रभारी ओमकार दुबे के द्वारा नर्मदा आरती के बारे में विचार रखे गए। सुश्री शैलजा सुल्लेरे के द्वारा अयोध्या की तर्ज पर रेड एयलो एवं आरेंज थीम पर कार्य करने की बात कही गई। इस दौरान पूज्य ज्ञानेश्वरी दीदी, मैत्री दीदी, स्वामी साध्वी शिरोमणि विभानंद गिरि दीदी ने भी सभी को मार्गदर्शन प्रदान किया।
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