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सांगठनिक फेरबदल से सामाजिक क्षेत्रीय समीकरण साधने पर नजर, भाजपा की हर स्तर पर बदलाव की रणनीति

August 23, 2022


नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव अभी दूर है, मगर भाजपा ने इसकी मजबूत तैयारी अभी से शुरू कर दी है। पार्टी अजेय बनने के लिए भावी सियासी-क्षेत्रीय चुनौतियों के अनुरूप व्यापक बदलाव को हथियार बना रही है। इस क्रम में राज्य संगठन से लेकर केंद्रीय संगठन तक कई बदलाव हुए हैं। कई बदलाव अभी होने हैं। हर बदलाव में पार्टी का नया प्रयोग, नया सामाजिक-क्षेत्रीय समीकरण बनाने पर जोर और समय के अनुरूप पार्टी की बदलती रणनीति का अक्स साफ तौर पर नजर आता है।

दरअसल, आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के समक्ष दो चुनौतियां हैं। पहली चुनौती उन राज्यों में पुरानी धमक कायम रखने की है जहां बीते चुनाव में पार्टी को जबरदस्त जीत हासिल हुई थी। दूसरी चुनौती विस्तार की संभावना वाले राज्य हैं, जहां अधिक सीटें जीत कर पार्टी अपनी सीटों की संख्या पहले से ज्यादा बढ़ाना चाहती है। यही कारण है कि बीते कुछ महीनों में राज्य संगठन से लेकर केंद्रीय संगठन तक हुए बदलावों में पार्टी ने राज्यवार अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करने का साफ संदेश दिया है।

संसदीय बोर्ड के जरिये संदेश

  • पार्टी की सबसे ताकतवर इकाई संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति में हालिया बदलाव में सर्वाधिक चर्चा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की विदाई को लेकर हुई। हालांकि, बोर्ड के पुनर्गठन के बाद पहली बार इसमें गैर अगड़ी जातियों का बहुमत हो गया। पहली बार पूर्वोत्तर और सिख बिरादरी को प्रतिनिधित्व मिला। पार्टी ने संगठन विस्तार वाले राज्य तेलंगाना, कर्नाटक की लिंगायत, हरियाणा के अहिरवाल और पंजाब के सिखों को सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की। बोर्ड में दलित, आदिवासी, सिख, ओबीसी, अगड़ा सभी को प्रतिनिधित्व मिला।

यूपी-बिहार में खास रणनीति

  • पुराना प्रदर्शन बरकरार रखने के लिए पार्टी की निगाहें दो अहम राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार में बड़ी सर्जरी पर हैं। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद में नेता सदन में बदलाव हुआ। नए संगठन मंत्री की नियुक्ति हुई। स्वतंत्र देव की जगह पिछड़ों में पकड़ बरकरार रखने के लिए केशव मौर्य का कद और बढ़ाया गया। अब नए अध्यक्ष के साथ कई और बदलावों में मंथन जारी है।
  • संगठन मंत्री रहे सुनील बंसल को महासचिव बना कर विस्तार की संभावना वाले तीन अहम राज्यों ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना की जिम्मेदारी दी गई है। बिहार में नीतीश के पाला बदलने के बाद पार्टी यहां अगड़ा, अति पिछड़ा और दलित गठजोड़ का नया समीकरण तैयार करने की कोशिश में है। भविष्य में अध्यक्ष, दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति में इसकी झलक दिखेगी।

राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति चुनाव में बड़ा दांव

मिशन 2024 की तैयारी की झलक राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति चुनाव में भी दिखी। भाजपा ने आदिवासी समाज की द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति तो जाट बिरादरी और किसान पृष्ठभूमि के जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। इन दो चुनावों के जरिये पार्टी ने दो अहम बिरादरी को अहम सकारात्मक संदेश दिया। गौरतलब है कि आदिवासी समाज का लोकसभा की करीब 100 तो जाट बिरादरी का करीब 60 सीटों पर प्रभाव है। इन दो चेहरों के जरिये पार्टी ने करीब एक दर्जन राज्यों का सियासी समीकरण भी साधने के अलावा विपक्ष में बिखराव की सफल व्यूह रचना की।

राज्यों में भी नया समीकरण

  • पार्टी ने राज्यों में भी भावी रणनीति के तहत कई अहम बदलाव किए हैं। इन बदलावों के जरिये नया सामाजिक-जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की रणनीति बनाई। मसलन छत्तीसगढ़ में पहली बार ओबीसी को प्रदेश अध्यक्ष बना कर पार्टी ने आदिवासी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने का संकेत दिया।
  • महाराष्ट्र में मराठा चंद्रकांत पाटिल की जगह ओबीसी चंद्रशेखर बावनकुले को अध्यक्ष बनाया। मुंबई में मराठा वोट बैंक के लिए इस बिरादरी के आशीष शेलार पर दांव लगाया। इन दोनों ही राज्यों में पार्टी ने नई सियासी परिस्थितियों में नया जातीय समीकरण तलाशा। अगड़े को साधे रखने के लिए फडणवीस को चुनाव समिति में लिया, जबकि छत्तीसगढ़ के रमन सिंह पार्टी के उपाध्यक्ष हैं।

सख्ती के साथ जारी रहेगा बदलाव का सिलसिला

पार्टी की योजना अगले दो-तीन महीने में वर्तमान सियासी परिस्थिति और भविष्य की सियासी चुनौतियों के अनुरूप सख्ती से सरकार और संगठन में बदलाव लाने की है। पहले दौर में तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा में अहम बदलाव हुए हैं। भविष्य में दूसरे राज्य भी व्यापक बदलाव के शिकार होंगे। सियासी खांचे में फिट नहीं बैठने वाले व्यक्ति की सरकार और संगठन से विदाई होगी। जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी व्यापक बदलाव के साथ केंद्रीय संगठन में खाली पड़े पदों को भरने और जरूरी बदलाव की पटकथा तैयार की जा रही है।

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