उज्जैन। सेवाधाम आश्रम में दिव्यांगजनों के कल्याणकारी विविध सेवा गतिविधियों के अंतर्गत पाँच दिवसीय दिव्यांगजन मित्र-मिलन के चतुर्थ दिवस कुल 4 दिव्यांग एवं बहु दिव्यांग पीडि़तों को प्रवेश के साथ 3 को स्वीकृति प्रदान की गई।
आश्रम संस्थापक सुधीर भाई ने बताया कि अत्यंत ही दयनीय स्थिति में दिव्यांग 80 वर्षीय नानूराम जिनका इस दुनिया में कोई नही को प्रवेश दिया। मैंने स्वयं स्नान करा, नाखून, नवीन वस्त्र पहनाकर जब उनसे पूछा तो वह सहसा खुश होकर हंस दिए और कहने लगे कि मेरा बेटा भी इस प्रकार की सेवा मेरी इस स्थिति में नही करता। भाईजी ने कहा कि मैं ही तुम्हारा बेटा हूं और बाबा अपनी इस अवस्था को देख काफी प्रफुल्लित हो उठे उनको आश्रम परम्परानुसार मंगल तिलक, माला एवं मिष्ठान खिलाकर प्रवेश दिया। इसी प्रकार दो बेटियों एवं एक पुत्र की माँ अति वृद्धावस्था में सेवाधाम आई, उसे कोई आसरा नही था, मकान मालिक ने बोल दिया कि अब मत आना, दोनों बेटियों ने मुंह मोड़ लिया और एकमात्र पुत्र विगत 15 वर्षों से शराबी होकर इधर उधर भटकता रहता है, को प्रवेश दिया। आज मानसिक एवं मूकबधिर बहु दिव्यांग बालक को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 2 पर लावारिस स्थिति में चाईल्ड लाईन द्वारा प्राप्त कर बाल कल्याण समिति उज्जैन की अनुशंसा पर सेवाधाम लाए। सुधीर भाई ने बताया कि वर्तमान समय में समाज में दिव्यांगों के प्रति अवहेलना काफी बढ़ गई है और कोरोना काल के बाद से प्रति दिन अनेक लोग प्रवेश हेतु आते हैं किन्तु सभी की सेवा-सुश्रुषा करना संभव नहीं हो पाता है किन्तु सेवाधाम आश्रम पीडि़त मानवता की सेवा के लिए निरन्तर प्रयत्नशील है।
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