नई दिल्ली(New Delhi) । संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) एक बार फिर दिल्ली (Delhi)को थामने की तैयारी कर रही है। एसकेएम ने 14 मार्च (गुरुवार) को नई दिल्ली के रामलीला मैदान (Ramlila Maidan)में ‘किसान महापंचायत’ (‘Kisan Mahapanchayat)बुलाई है। इसमें देशभर के किसान, खासकर उत्तर भारत के किसान बड़ी संख्या में शामिल होंगे। हालांकि, अभी तक किसान संगठन को दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम से महापंचायत करने की हरी झंडी नहीं मिली है। संयुक्त किसान मोर्चा के चार सदस्यों की समिति अभी भी दिल्ली पुलिस और एमसीडी के अधिकारियों से महापंचायत करने की इजाजत लेने की कोशिशों में जुटी है।
मीडिया के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के डीसीपी हर्षवर्द्धन और एसकेएम नेताओं के साथ कई दौर की बैठकें हुई हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य मिंदर सिंह पटियाला ने बताया कि 8 मार्च को दिल्ली पुलिस उप आयुक्त के साथ बैठक हुई थी, जिसमें उन्होंने सकारात्मक रुख दिखाया है। उन्होंने कहा, “हम दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों से भी मिले, जिन्होंने हमें बताया कि अगर दिल्ली पुलिस अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दे देती है तो MCD भी महापंचायत के लिए आसानी से एनओसी दे देगी।”
एसकेएम किसानों का वही संगठन है, जिसने वर्ष 2020-21 के किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था। एसकेएम ने पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक कानून सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए ‘किसान महापंचायत’ आयोजित करने की घोषणा की थी। बैठक के बाद दूसरे एसकेएम नेता दर्शन पाल ने कहा कि पंजाब के किसान बड़ी संख्या में महापंचायत में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि महापंचायत शांतिपूर्ण होगी। पाल ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों के बजाय बसों और ट्रेनों से दिल्ली जाएंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “चुनाव होने वाले हों या न होने वाले हों, इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। हमारी मांगें पूरी होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।” उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य राजनीतिक दलों पर चुनावी घोषणापत्र में अपनी मांगों को शामिल करने के लिए दबाव बनाना है।
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐसे वक्त में दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान महापंचायत का आह्वान किया है, जब लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, दूसरी तरफ किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के बैनर तले सैकड़ों किसान पंजाब के खनौरी और शंभू बॉर्डर पर पिछले 28 दिनों से धरने पर बैठे हैं। इन किसानों को अब तक ट्रैक्टर-ट्रॉली से दिल्ली मार्च की इजाजत नहीं मिल सकी है।किसानों के दोनों धड़ों की मांग एक जैसी ही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved