– एक हफ्ते में दूसरी बार पेश हुई मानवता की मिसाल, अंगदान से मिला तीन व्यक्तियों को नया जीवन
इंदौर। संभागायुक्त एवं इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार शर्मा की अगुवाई में इंदौर (Indore) ने रविवार को एक बार पुनः मानवता की मिसाल (once again set an example of humanity) पेश की है। यहां एक सप्ताह में दूसरी बार अंगदान हुआ है, जिससे तीन व्यक्तियों को नया जीवन मिला है। शहर में 41वीं बार ग्रीन कॉरिडोर बनाकर निर्धारित अस्पतालों में अंग भेजे गए।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने बताया कि अंगदान में अव्वल रहा इंदौर नित नये कीर्तिमान गढ़ रहा है। यहां रविवार को 41वां ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसके तहत एक महिला की हुई ब्रेन डेथ के बाद उसकी दोनों किडनियां और लीवर इंदौर में ही ट्रांसप्लांट के लिए ले जाया गया। एक किडनी चोइथराम में ही, जबकि दूसरी सीएचएल हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को ट्रांसप्लांट किया जा रहा है। वहीं, लीवर को बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचा गया है, जहां भर्ती एक मरीज को ट्रांसप्लांट हो रहा है।
कमिश्नर ने बताया कि 37 वर्षीय ब्रेन डेड महिला नेहा चौधरी के परिवार द्वारा दिखाये गये मानव कल्याण के भाव से तीन व्यक्तियों को नया जीवनदान प्राप्त हो रहा है। नेहा चौधरी को 12 सितम्बर को ब्रेन के इलाज के लिए चोइथराम हॉस्पिटल भर्ती गया था। उपचार के दौरान शनिवार को उन्हें ब्रेन डेड पाया गया। फर्स्ट फेस में डॉक्टरों की स्पेशल टीम ने परीक्षण कर सुबह 9.55 बजे ब्रेन डेड घोषित किया। फिर शाम 4.17 बजे दूसरी स्पेशल टीम ने परीक्षण कर ब्रेन स्टेम डेथ घोषित किया। नेहा के परिवार द्वारा मानव कल्याण के भाव रखते हुए उसके अंगदान की इच्छा जताए जाने पर तैयारी शुरू की गई।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने बताया कि नेहा के परिवार द्वारा स्वप्रेरणा से अंगदान की सहमति दी गयी। जिसके पश्चात महिला की दोनों किडनी और लीवर जरूरतमंद मरीजों को डोनेट किये गये। इसमें लीवर चोइथराम हॉस्पिटल में भर्ती मरीज, एक किडनी सीएचएल हॉस्पिटल में भर्ती मरीज तथा दूसरी किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को डोनेट की गई। डोनेट किए गए ऑर्गन को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से चोइथराम अस्पताल से निर्धारित अस्पतालों तक भेजा गया।
संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने कहा है कि अंगदान का फ़ैसला करने वाले परिवार का यह निर्णय अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि ऑर्गन डोनेशन में इंदौर शहर ने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है, जिससे अन्य व्यक्तियों को भी अंगदान के लिये प्रेरणा मिलेगी। (एजेंसी, हि.स.)
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