नई दिल्ली । गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) सिस्टम में 1 जनवरी, 2022 से कई बड़े बदलाव होने वाले हैं. इनमें ई-कॉमर्स सर्विस ऑपरेटर्स (e-commerce service operators) पर ट्रांसपोर्ट और रेस्टोरेंट क्षेत्र में दी जाने वाली सर्विसेज पर टैक्स (tax) देनदारी भी शामिल है. इसके अलावा फुटवियर (footwear) और टेक्सटाइल सेक्टर (Textile Sector) में शुल्क ढांचे में बदलाव भी एक जनवरी 2022 से लागू होगा जिसके तहत सभी प्रकार के फुटवियर पर 12% जीएसटी लगेगा जबकि रेडीमेड कपड़ों समेत सभी टेक्साइटल प्रोडक्ट्स (कॉटन को छोड़कर) पर 12% जीएसटी लगेगा.
ऑटो रिक्शा चालकों को मैनुअल मोड या ऑफलाइन तरीके से दी जाने वाली पैसें ट्रांसपोर्ट सेवाओं पर छूट मिलती रहेगी लेकिन जब ये सर्विसेज किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से दी जाएंगी तो इन पर नए साल से 5 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा.
1 जनवरी से ऑनलाइन खाना मंगाना होगा महंगा
नए बदलाव के बाद फूड डिलीवरी प्लेटफार्मों स्विगी और जोमैटो जैसे ई-कॉमर्स सर्विस प्रोवाइडर्स का यह उत्तरदायित्व होगा कि उनके द्वारा दी जाने वाली रेस्टोरेंट सर्विसेज के बदले वे जीएसटी कलेक्ट करें और उसे सरकार के पास जमा करवाएं. ऐसी सर्विसेज के बदले उन्हें बिल भी जारी करने होंगे. इससे ग्राहकों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा क्योंकि रेस्टोरेंट पहले से ही जीएसटी रेवेन्यू कलेक्ट कर रहे हैं. बदलाव सिर्फ इतना हुआ है कि टैक्स जमा करवाना और बिल जारी करने की जिम्मेदारी अब फूड डिलीवरी प्लेटफार्मों पर आ गई है.
यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि सरकार का ऐसा अनुमान है कि फूड डिलीवरी प्लेटफार्मों द्वारा कथित तौर पर पूरी जानकारी नहीं देने से बीते दो साल में सरकारी खजाने को नुकसान उठाना पड़ा है और इन प्लेटफार्मों को जीएसटी जमा करवाने के लिए उत्तरदायी बनाने से टैक्स चोरी पर रोक लगेगी.
जीएसटी रिफंड का दावा करने के लिए आधार ऑथेंटिकेशन अनिवार्य
टैक्स चोरी रोकने के लिए नए साल में कुछ और कदम उठाए जाएंगे. इनमें जीएसटी रिफंड पाने के लिए आधार ऑथेंटिकेशन अनिवार्य करना, जिन व्यवसायों ने टैक्स अदा नहीं किए हैं उनकी जीएसटीआर-1 फाइलिंग सुविधा पर रोक लगाना आदि शामिल है.
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