नागदा। नागदा जिला उज्जैन निवासी हिंदु जागरण मंच के प्रांत उपाध्यक्ष व जाने-माने हिंदुवादी नेता भेरूलाल टांक की सुरक्षा व्यवस्था को हटाने का आदेश हुआ है। इस कार्यवाही के बाद हिंदुवादी संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी है तथा सोशल मीडिया पर सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने की मांग को लेकर मामला उठा है।
विदित हो कि टांक पर 27 मई 2011 में सिमी के तीन कार्यकर्ताओं ने नागदा गोलियां चलाई थी उसके बाद यह मामला समूचे प्रदेश में सुर्खियों में आया था। टांक पर जब सिमी के लोगों ने हमला किया था तब वे 25 दिनों तक इंदौर में भर्ती हुए थे और नागदा शहर तीन दिनों तक बंद रहा था।
वर्तमान ने मप्र शासन से टांक को एक चार के गार्ड की सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करा रखी थी। टांक ने वर्ष 1996 से बजरंग दल से कार्य करना शुरू किया था। तब भी उन पर हमले का प्रयास हुआ था। बाद में विहिप आदि में विभिन्न पदों पर रहें। वर्ष 2007 में जान से मारने की धमकी की शिकायतें थाने में पहुंची थी। गुजरात एनकाउंटर में मारे गए सोहराबउद्दीन के भाई रूवाबउद्दीन के साथ 30 अक्टूबर 2016 को विवाद का मामला सुर्खियों में आया था। इस मामले में टांक पर प्रकरण दर्ज हुआ था।
इस संबंध में खुद भेरूलाल टांक ने हिंदुस्थान समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया कि मेरे गन मेन को इस मामले में सूचना मिली है। उसको बुलाया गया है।