नई दिल्ली । दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आईएसआईएस से संबंध रखने के 10 आरोपितों को देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं को रिक्रूट करने के मामले में दोषी करार दिया है। स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने सजा की अवधि के मामले पर 22 सितम्बर को दलीलें सुनने का आदेश दिया।
कोर्ट ने जिन आरोपितों को दोषी करार दिया है, उनमें नफीस खान, अबू अनस, नजमुल होदा, अफजल, सुहैल अहमद, ओबैदुल्लाह खान, मोहम्मद अलीम, मुफ्ती अब्दुल, समी काजमी और अमजद खान हैं। कोर्ट ने इन आरोपितों को यूएपीए की धारा 18 के तहत दोषी पाया है। इन सभी ने अपने आरोप कबूल कर लिये थे। इनकी ओर से वकील कौसर खान ने कोर्ट से कम से कम सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि आरोपित बिना किसी दबाव के आरोप कबूल कर रहे हैं।
कौसर खान ने कहा कि आरोपितों को अपनी गलती का अहसास है और वे ग्लानि महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरोपित आगे से ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। इनका जेल में व्यवहार संतोषप्रद रहा है। जेल प्रशासन ने उनके खिलाफ कोई भी विरोधी टिप्पणी नहीं की है।
इन दोषियों के खिलाफ एनआईए ने 9 दिसम्बर, 2015 को भारतीय दंड संहिता और यूएपीए के तहत केस दर्ज किया था। एनआईए के मुताबिक इन आरोपितों ने आपराधिक साजिश रचते हुए भारत में आईएसआईएस का पांव जमाने की कोशिश की थी। इस मामले में एनआईए ने 16 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 16 आरोपितों में से छह आरोपितों को कोर्ट ने पिछले 6 अगस्त को दोषी ठहराया था।
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