इन्दौर। आखिरकार दो बड़े त्योहारों को जिला प्रशासन ने सीमा में रहकर मनाने की छूट तो दे दी, लेकिन अब होलिका दहन (Holika Dahan) को लेकर आयोजकों में असमंजस है कि वे लकड़ी और कंडे सहित पूजा के सामान की खरीदारी कहां से करें? होलिका दहन को लेकर कल देर शाम तक असमंजस की स्थिति बनी रही, लेकिन बाद में देर रात जिला प्रशासन (District Administration) ने होलिका दहन की सशर्त इजाजत दे दी तो आयोजकों के चेहरे खिल उठे। गली-मोहल्लों के साथ-साथ चौराहों पर होलिका दहन के बड़े आयोजन होते थे, जिनमें एक दिन पहले होलिका को सजाया जाता था और शाम को लोग इसके दर्शन और पूजा (Puja) करने आते थे। रात को छोटी होली जलाने के आदेश आए और उसमें अधिकतम 20 लोग ही रह सकेंगे, यह भी प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया। मुख्य मार्ग पर होली नहीं जलाई जा सकेगी। आयोजकों को अब इस बात की चिंता है कि होली की सजावट कैसे होगी, उसमें लगने वाले लकड़ी-कंडे कहां से लाएंगे, क्योंकि लॉकडाउन (Lockdown) होने से आज दुकानें बंद हैं। आयोजकों का कहना था कि आज पूजन सामग्री की दुकानों को खोलने की अनुमति भी दी जाना थी।
सबसे पहले जलेगी सरकारी होली, फिर शहरभर में
शहर में आज सामाजिक दूरियों का पालन करते हुए प्रतीक स्वरूप होलिका दहन किया जाएगा। सबसे पहले होलकरकाल से चली आ रही सरकारी होली (Government Holi) का दहन इस बार मल्हारी मार्तंड परिसर (Malhari Martand Complex) में सायं 7 बजे होगा। तत्पश्चात शहरभर में विभिन्न मोहल्लों, कालोनियों और गलियों में होलिका दहन किया जाएगा। होली पर इस बार सवार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि का योग रहेगा। वहीं भद्रा का साया भी नहीं पड़ेगा।
सरकारी आदेशों के तहत होलिका दहन 20 लोगों की मौजूदगी में किया जाएगा। किसी प्रकार की साज-सज्जा, डीजे बजाने की अनुमति नहीं दी गई है। लगातार दूसरे साल होलिका दहन कोरोना की भेंट चढ़ गया है। पंडितों के अनुसार होलिका दहन पंचमेल लकड़ी से किया जाना शुभ रहेगा। प्रदोषकाल में होलिका दहन उत्तम रहेगा। इस बार होली हस्त नक्षत्र में रहने के कारण इसका स्वामी चंद्रमा है, जो अमृत, सुख और समृद्धिकारक रहेगा। इस नक्षत्र से बीमारियों से लडऩे की ताकत बढ़ेगी। गोधूलि बेला में पूजा करना विशेष फलदायी रहेगा। कल रंगारंग धुलेंडी पर्व मनाया जाएगा। इसके तहत सडक़ों पर पुलिस का पहरा सख्त रहेगा। हुड़दंगियों पर पुलिस की खासी नजर रहेगी। शहरवासी भी इस बार की होली घर-परिवार में ही रहकर मनाने का मन बना चुके हैं।
सायंकाल है होलिका दहन का मुहूर्त
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि आज दोपहर 3 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ होकर 29 मार्च को 12 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। आज होली दहन का सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में भद्रा का साया नहीं रहेगा और ध्रुव योग का संयोग भी रहेगा। यह योग सुख और समृद्धि देने वाला रहेगा। होली की परिक्रमा करना उत्तम रहेगा।
मुख्य मार्गों से गायब हुई होली
शहर में मल्हारगंज (Malharganj), मालगंज, छीपा बाखल, गोराकुंड, कपड़ा मार्केट, छावनी, लोधीपुरा, छत्रीबाग, जूनी इन्दौर, पाटनीपुरा, नंदानगर, लाबरिया भेरू, बड़ा गणपति (Bada Ganapati) सहित अनेक स्थानों पर विशेष साज-सज्जा के साथ होलिका दहन की परंपरा थी, लेकिन इस बार कोरोना के चलते शहर के चौराहों और मुख्य मार्गों से होली गायब हो गई है और गलियों, मोहल्ला में सिमट गई है।
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