नलखेड़ा। छुट्टी का आदेश हो या व्यवस्था में छूट के कोई निर्देश हो चंद मिनिट में उसका पालन हो जाता है लेकिन बच्चों के बस्ते के वजन निर्धारित करने के आदेश के लगभग एक पखवाड़े बाद भी उसका पालन नगर में होता दिखाई नहीं दे रहा है। शिक्षा विभाग के स्थानीय जिम्मेदार स्कूल संचालकों को मात्र निर्देश देकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री करते नजर आ रहे है।
म.प्र. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गत 29 अगस्त को एक आदेश जारी कर पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों के बस्तों के वजन का निर्धारण किया गया था। इस आदेश को एक पखवाड़ा होने को आया है लेकिन नगर के किसी भी स्कूल में इसका पालन होता दिखाई नहीं दे रहा है। अभी भी छोटे छोटे बच्चे निर्धारित अधिकतम वजन से दो गुना या उससे भी अधिक वजन के बस्ते अपनी पीठ पर लाद कर ले जाने को मजबूर हो रहे है। नगर के विभिन्न निजी स्कूल संचालकों द्वारा मप्र शिक्षा बोर्ड की पुस्तकों के साथ ही अपनी अलग से पुस्तके चलाई जाती हैं साथ ही प्रतिदिन सम्पूर्ण कोर्स स्कूल में मंगवाया जाता है जिसके कारण उनके बस्ते का वजन और अधिक बढ़ जाता है। अधिक वजन के बस्ते प्रतिदिन पीठ पर लाद कर बच्चे लगभग एक किमी चलते है जिसके कारण उन्हें पीठ दर्द की शिकायत के साथ ही कई बार रीढ़ की हड्डी में भी तकलीफ होना शुरु हो जाती है।
इनका कहना है
बस्ते संबंधी शासन के आदेश के संबंध में सभी स्कूल संचालकों को निर्देश दिए जा चुके हैं यदि अभी भी तय वजन से अधिक के बस्ते बच्चे उठा रहे है तो एक बार फिर से स्कूल संचालकों को निर्देश दिए जाएँगे।
-वि_ल बंसिया, बीआरसीसी, नलखेड़ा
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