- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोनल बेंच, भोपाल का महत्वपूर्ण आदेश
- इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर बावड़ी हादसे में रामनवमी के दिन पूजा करते समय हुवे हादसे में 36 नागरिको की मृत्यु के बाद बावड़ी में मलबा डालकर बंद करने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोनल बेंच, भोपाल ने स्वत: संज्ञान लेकर जारी किया आदेश
इंदौर (Indore)। पूर्व पार्षद दिलीप कौशल द्वारा अभिभाषक मनोहर दलाल के माध्यम से इंदौर के बावड़ी हादसे को लेकर जनहित याचिका उच्च न्यायलय में प्रचलित है और तोड़े गए मंदिर का मलबा बावड़ी में भरकर सबूत मिटाने पर पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने जिला न्यायलय में भी परिवाद दायर किया है, जिसके चलते बावड़ी में मलबा भरकर जलस्रोत बंद करने से प्रभावित हुवे जलस्तर तथा आस-पास के रहवासी इलाके के पीने के पानी का स्त्रोत रही उक्त बावड़ी के बंद करने से और भू-जल स्तर में कमी तथा जल पुनर्भरण प्रभावित होना परस्पर जुड़ी गतिविधिया होने के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोनल बेंच, भोपाल ने अधिकारियों के निर्णय और इन जल निकायों यानी बावड़ियों को मलबा डंप करके भरने की परिणामी कार्रवाई पर्यावरण कानूनों के विपरीत होने से बेहद गंभीर मानते हुवे आगामी दिनांक 29-08-2023 को जिला कलेक्टर, निगम आयुक्त, और प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को व्यक्तिगत उपस्थित होने के आदेश जारी किये है।
इस सम्बन्ध में पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने जानकारी देते हुवे बताया कि इंदौर के बावड़ी हादसे को लेकर विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रकाशित समाचार तथा उच्च न्यायलय में दायर जनहित याचिका के चलते नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोनल बेंच, भोपाल ने घटना का स्वतः संज्ञान लेकर प्रदेश सरकार तथा प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड मध्यप्रदेश को तलब किया था प्रियांशु गुप्ता के आवेदन पर उपस्थित अभिभाषक हादसे का स्पष्टीकरण करण नहीं दे पाए जिसके कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोनल बेंच, भोपाल ने जिला कलेक्टर इंदौर, निगम आयुक्त, और प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को आगामी सुनवाई दिनांक 29-08-2023 को व्यक्तिगत उपस्थित होने के आदेश किये है।
कौशल ने यह भी बताया की हादसे को लगभग 132 दिवस हो चुके है परन्तु अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है यहाँ तक की प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हादसे की मजिस्ट्ररियल जांच के आदेश दिए थे जिसे 15 दिवस में पूर्ण करना था जिसे भी लगभग 115 दिवस पूर्ण हो चुके है परन्तु आज दिनांक तक जांच पूरी नहीं हुई है और जांच अधिकारी अपर कलेक्टर का प्रमोशन भी कलेक्टर के रूप में हो गया है, वही समय पर अवैध निर्माण नही हटाने और हटाए गए अवैध निर्माण का मलबा भरकर साक्ष्य मिटाने और जल स्त्रोत बंद करने के आदेश देने वाली पूर्व निगमायुक्त का श्रीमती प्रतिभा पाल के विरूद्ध कारवाई नहीं करते हुवे प्रदेश की भाजपा सरकार ने उनका भी प्रमोशन कर कलेक्टर बना दिया है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोनल बेंच, भोपाल के आदेश अनुसार ट्रिब्यूनल की सहायता के लिए एक एमिकस क्यूरी का गठन किया गया है जिसमे इंदौर की अभिभाषक सुश्री स्वाति मेहता को नियुक्त किया है जो अब आगे की कारवाई करेंगी तथा रजिस्ट्री और पत्र याचिका, ट्रिब्यूनल के आदेशों और संयुक्त समिति की रिपोर्ट आदि की प्रासंगिक प्रति प्रदान करने का निर्देश भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोनल बेंच, भोपाल द्वारा दिया गया है। जिसके लिए मध्यप्रदेश प्रदुषण बोर्ड को पेशेवर शुल्क के रूप में एमिकस क्यूरी को 50,000/- रुपये और इस मामले से संबंधित अन्य खर्च भी देने के आदेश दिए है।