उज्जैन। प्रदेश के समस्त मठ-मंदिरों से जुड़े पुजारियों की महापंचायत वैष्णव बैरागी समाज धर्मशाला अंकपात पर संपन्न हुई। महापंचायत में शासन द्वारा मंदिरों की कृषि भूमि का सरकारीकरण एवं नीलामी करने का विरोध किया गया तथा शासन की नीतियों के खिलाफ आगामी दिनों में विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया गया। महापंचायत में पूरे प्रदेश के साथ उज्जैन के सभी मंदिरों के पुजारी उपस्थित हुए। इस दौरान मौजूदा हालात पर विचार विमर्श किया गया तथा यह पाया कि अधिकांश पुजारी शासन की अदूरदर्शितापूर्ण नीति के कारण व्यथित है। शासन ने पुजारियों को मठ, मंदिर से बेदखल करने के लिए नित नए कानून लागू कर वंश परंपरागत अधिकार को छीनने का प्रयास किया है। पुजारी इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
महापंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि पहले ग्राम, तहसील फिर नगर स्तर पर सदस्यों को तैयार कर शीघ्र भारी संख्या में अन्य सभी संगठनों से भी समन्वय बनाकर पुजारी महापंचायत के माध्यम से महाआंदोलन किया जाएगा। इसका उद्देश्य मात्र एक ही 1947 की स्थिति बहाल कर वंश परंपरा अधिकार देना रहेगा। साथ ही नीलामी स्थाई रूप से बंद कर खसरा के कॉलम नंबर 3 में पुजारी का नाम दर्ज कर शासकीय हस्तक्षेप समाप्त करने की भी मांग की जाएगी। इस आशय का ज्ञापन देकर पुजारियों की समस्त मांगों से शासन को अवगत कराया जाएगा। महापंचायत में हेमंत वैष्णव, भूपेंद्र नागर, यतेंद्र शर्मा, गणेशलाल उपाध्याय, जितेंद्र दास महाराज, अरुण बैरागी, घनश्याम शर्मा, रवि भारती ने अपने विचार व्यक्त किए।
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