जयपुर: राजस्थान की राज्यसभा की चार सीटों के लिए होने वाले चुनाव (Rajya Sabha Elections) में यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को प्रत्याशी बनाये जाने की सुगबुगाहट के साथ ही राजस्थान इकाई में उनका विरोध शुरू हो गया है. विरोध करने वाले नेताओं ने राज्य के प्रभारी अजय माकन से साफ कहा है कि राज्य के ही किसी नेता को यहां से राज्यसभा भेजा जाए. इन नेताओं का तर्क है की राज्यसभा राज्यों के प्रतिनिधि के लिए होती है न कि बाहरी व्यक्ति के लिए.
सूत्रों के मुताबिक उदयपुर नव संकल्प शिविर में ही सोनिया गांधी ने आजाद को राज्यसभा भेजने के लिए अशोक गहलोत से चर्चा की थी. गुलाम नबी आजाद का विरोध करने वाले नेता यह भी तर्क दे रहे हैं कि हाल तक G-23 ग्रुप बनाकर आजाद पार्टी के खिलाफ बयान देते रहे हैं. ऐसे में उनको राज्य से राज्यसभा भेज सम्मानित करने से विधानसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा. इन नेताओं का कहना है कि राजस्थान से पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और के सी वेणुगोपाल को राज्यसभा भेजा जा चुका है. अब और ज्यादा बाहरी नेताओं को टिकट नहीं देना चाहिए.
गेंद अब सोनिया गांधी के पाले में
अजय माकन ने इन नेताओं से कहा है कि वो उनकी बात सोनिया गांधी तक जरूर पहुंचा देंगे. लेकिन माकन ने इसके साथ ये भी कहा कि आलाकमान अगर किसी भी नाम पर फैसला लेता है तो उसके नाम का सार्वजनिक विरोध नहीं होना चाहिए बल्कि उसे मानना चाहिए. अब गेंद सोनिया गांधी के पाले में हैं. सूत्रों के मुताबिक अगर वो फैसला लेती हैं कि आजाद को राजस्थान से ही राज्यसभा भेजा जाए तो भेजा जाएगा. विरोध करने वाले नेताओं को पार्टी के अंदरूनी फोरम पर समझा लिया जाएगा.
राजस्थान से इनको प्रत्याशी बनाये जाने की है चर्चा
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव के लिए जल्द ही प्रत्याशियों के नामों की घोषणा किये जाने हैं. सूत्रों के मुताबिक तीन में से दो नाम राज्य से बाहर के हो सकते हैं. इनमें गुलाम नबी आजाद, प्रियंका गांधी, रणदीप सुरजेवाला, भंवर जितेंद्र सिंह, डीजीपी एमएल लाठर, राजीव शुक्ला और दिनेश खोडनिया समेत कई नामों की चर्चा पार्टी के गलियारों में चल रही है. प्रत्याशी घोषित होने के बाद पार्टी में असंतोष देखने को मिल सकता है.
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