नई दिल्ली । तमिल अभिनेता (tamil actors)थलपति विजय की पार्टी तमिलागा वेट्ट्री कड़गम (Tamilaga Vettri Kazhagam) ने रविवार को अपनी कार्यकारी परिषद की बैठक (Executive Council Meeting)के दौरान केंद्र के ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के प्रस्ताव का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. पार्टी ने तमिलनाडु से नीट (NEET) को वापस लेने की मांग करते हुए एक और प्रस्ताव भी पारित किया. टीवीके ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया है।
टीवीके ने तमिलनाडु में जाति सर्वेक्षण नहीं कराने और इसके लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराने के लिए एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार की निंदा की. विजय की पार्टी ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ सत्ता में आने के लिए झूठ से भरे चुनावी वादे किए थे, जिसे कभी पूरा करने का प्रयास भी नहीं किया गया।
विजय ने इस साल फरवरी में अपनी राजनीतिक पार्टी शुरू करने के आठ महीने बाद, 27 अक्टूबर को तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में अपनी पहली राजनीतिक रैली की थी. उन्होंने रैली में अपनी पार्टी की विचारधारा और लक्ष्यों की घोषणा की, जिसमें समानता, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता, अदालतों में प्रशासनिक भाषा के रूप में तमिल को बढ़ावा देना और राज्यपाल के पद को खत्म करना शामिल था।
विजय ने कहा था कि उनकी पार्टी का दृष्टिकोण द्रविड़वाद और तमिल राष्ट्रवाद दोनों से प्रेरित है. उन्होंने इन दोनों विचारधाराओं को तमिलनाडु की दो आंखें बताया था. टीवीके की पहचान को एक राजनीतिक दल तक सीमित करने के बजाय, उन्होंने न्याय, एकता और सामाजिक विकास पर केंद्रित व्यापक धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की वकालत की. विजय ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी तमिलनाडु में 2026 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
टीवीके सूत्रों ने बताया कि विजय ने अपने विश्वासपात्र और पार्टी के महासचिव बुस्सी आनंद ( पुडुचेरी के पूर्व विधायक हैं) सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ निजी तौर पर चर्चा की. विजय 2 दिसंबर से पूरे तमिलनाडु की यात्रा पर निकलने वाले हैं, जो कोयंबटूर से शुरू होकर 27 दिसंबर को तिरुनेलवेली में एक बड़ी जनसभा के साथ समाप्त होगी. यात्रा के दौरान उनका लक्ष्य पूरे राज्य में लोगों से अपनी पार्टी के लिए समर्थन मांगना, राज्य के लिए अपने विजन और एजेंडे को साझा करना है।
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