नई दिल्ली । स्वाति मालीवाल पिटाईकांड (Swati Maliwal beating case)में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Chief Minister Arvind Kejriwal) के करीबी बिभव कुमार (close friend bibhav kumar)की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। कुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह बहुत प्रभावशाली व्यक्ति है और अगर उसे बेल दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित करेगा। पुलिस ने यह भी दावा किया कि जांच के दौरान पता चला है कि दिल्ली के सीएम ‘क्राइम सीन’ पर मौजूद थे। अदालत में दाखिल हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने कहा कि जिस तरह से आप के सभी नेता और कार्यकर्ता अपनी ही एक सांसद के खिलाफ हो गए, ऐसे में हमले को लेकर बड़ी साजिश की भी जांच की जानी चाहिए।
पुलिस ने कहा, ‘उनका (मालीवाल) बयान जांच के लिए प्रासंगिक हो जाता है, क्योंकि अपराध के बाद उसी घटना के संबंध में पार्टी के दो जिम्मेदार व्यक्तियों द्वारा सार्वजनिक रूप से पूरी तरह से यू-टर्न ले लिया गया था।’ जांच के दौरान पता चला है कि याचिकाकर्ता और सीएम घटना के तुरंत बाद काफी समय तक क्राइम सीन यानी सीएम आवास पर एक साथ थे। हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के हाथों पीड़िता पर क्रूर हमले के पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं थी इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों द्वारा पब्लिक में दिया गया बयान और फिर यू-टर्न लेने की भी जांच होनी चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा, ‘यह भी रिकॉर्ड में मौजूद तथ्य है कि संबंधित सीसीटीवी कैमरों से चुनिंदा फुटेज मीडिया में लीक किए गए थे, इससे पहले कि उस रिकॉर्डिंग डिवाइस को सीज किया जाता। इस कृत्य की भी जांच की जानी चाहिए ताकि पता लगाया जा सके कि अपराध को साजिशन अंजाम दिया गया था या नहीं। इसलिए, अभी भी आशंका है कि याचिकाकर्ता गवाहों को प्रभावित कर सकता है या सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। वह कोर्ट द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट में फेल हो सकता है।’
मालीवाल द्वारा एफआईआर दर्ज करने में देरी के बारे में, हलफलाने में कहा गया है कि ‘यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीड़िता अपने साथ हुए उत्पीड़न और हमले से बहुत आहत थी। इसके अलावा, पीड़िता दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी की सांसद है, और उसके साथ बेहद संवेदनशील स्थान – सीएम आवास पर क्रूरतापूर्वक हमला किया गया। इस घटना ने उसकी मानसिक स्थिति को काफी प्रभावित किया, जिसकी वजह से वह चार दिनों तक अपने घर के अंदर तक ही सीमित रही।’
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