नई दिल्ली (New Delhi) । मणिपुर हिंसा (manipur violence) को लेकर लोकसभा (Lok Sabha) में शुक्रवार को मॉनसून सत्र के सातवें दिन भी विपक्ष (Opposition) के तेवर तीखे रहे। उसने सदन में प्रधानमंत्री (Prime Minister) के बयान की मांग को लेकर जमकर हंगामा और नारेबाजी की। उसने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए अभी तक दिन तय नहीं किए जाने का भी सवाल उठाया। हालांकि, सरकार ने नियमों का हवाला देकर इन आरोपों को नकार दिया। इस बीच हंगामे में सदन ने तीन विधेयकों को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।
कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन इंडिया के अन्य घटक दल मॉनसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही लगातार बाधित रही है। शक्रवार को भी लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग करने लगे और मणिपुर का मुद्दा उठाने लगे।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 10 मई 1978 को तत्कालीन सरकार के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर उसी दिन चर्चा शुरू हो गई थी। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि नियम के अनुसार 10 दिन का समय होता है। लोकसभा अध्यक्ष जब भी निर्णय लेंगे, हम तैयार हैं।
इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि प्रश्नकाल सबके लिए महत्वपूर्ण समय होता है। यह प्रश्नकाल आपका है। इससे सरकार की जवाबदेही तय होती है। सदन नियम-कानून से चलता है। शोर-शराबा नहीं थमने पर उन्होंने कार्यवाही शुरू होने के दो मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर 12 बजे भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। नारेबाजी के बीच ही कुछ आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखे गए। इसी दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय प्रबंध संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया।
विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच लोकसभा ने खान और खनिज (विकास और नियमन) संशोधन विधेयक, 2023, राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक, 2023 और राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023 को मंजूरी दी। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने दोपहर 12:35 बजे कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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