नई दिल्ली। विपक्षी दलों (Opposition parties) ने मंगलवार को केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने नियम को तोड़ते हुए किया हमारे 12 सदस्यों का निलंबन (Suspension of 12 MPs) वापस नहीं लिया (Withdrawal) तो, विपक्षी दल निलंबित सांसदों के साथ अनशन पर बैठेंगे (Will sit on hunger strike) । राज्यसभा में जो अड़चनें पैदा हो रही हैं, उसके लिए सरकार जिम्मेदार है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने अब ये तय किया है कि जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं लिया जाता। हम अपना विरोध जारी रखेंगे। निलंबन वापस नहीं हुआ तो बैठे हुए सांसदों के साथ हम भी एक दिन बैठकर उपवास करेंगे। हमने लोकसभा के सांसदों से भी ये अनुरोध किया है कि वह भी धरने में सहयोग दें। सरकार जिस तरीके से चल रही है वो तानाशाही तरीका है।मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर कहा, राज्यसभा में पैदा हो रही अड़चनों के लिए, बार-बार जो राज्यसभा स्थगित हो रही है, उसके लिए सरकार जि़म्मेदार है। उन्होंने कहा हमने सदन को चलाने की बहुत कोशिश की। हम बार-बार सदन के नेता, सभापति से मिलते रहे और अपनी बात रखी कि नियम 256 के तहत जब आप निलंबित कर रहे हैं। तो उस नियम के मुताबिक ही निलंबित कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने उन नियमों को छोड़ दिया और गलत तरीके से मानसून सत्र में घटी घटना को शीत सत्र में लाकर 12 सदस्यों को निलंबित किया। इससे साफ जाहिर है कि सरकार की मंशा सदन चलाने की नहीं है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सांसदों को सस्पेंड कर रहे हैं तो रूल के मुताबिक ही सस्पेंड कर सकते हैं। पिछले सत्र की बात को शीतकालीन सत्र में लाकर सस्पेंड किया गया। हर सस्पेंड किए जाने वाले सांसदों से पहले बात कर उनको बताना चाहिए था कि क्यों सस्पेंड कर रहे हैं और ये 11 अगस्त 2021 को ही होना चाहिए था। सरकार नियम को गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है।गौरतलब है 12 सांसदों के निलंबन के बाद से पिछले 6 दिनों से रोजाना विपक्षी सांसद प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को भी संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया। सांसद जया बच्चन, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत और कई अन्य विपक्षी सांसद उनके समर्थन के लिए पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
दरअसल पिछले सप्ताह सोमवार यानी 29 नवंबर को शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही राज्यसभा में कांग्रेस, शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था। जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस सांसद फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन व शांता छेत्री, वहीं शिव सेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
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