नई दिल्ली (New Delhi) । प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) एक ऑटोक्रेटिक नेता हैं. उनकी सरकार में मानवाधिकारों का उल्लंघन, फ्री स्पीच पर नकेल और आलोचकों को जेल में डालना आम है. यह सभी वो बातें हैं जो इन दिनों बांग्लादेश (Bangladesh) में खासा चर्चा में हैं. मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (Bangladesh Nationalist Party) पीएम हसीना का इस्तीफा मांग (demand resignation) रही है. ढाका में पार्टी ने बड़ी रैली आयोजित की. बताया जाता है कि दस हजार लोग इस रैली में जुटे. पुलिस ने लाठियां बरसाई. आंसू गैस के गोले दागे. एक हजार लोगों की गिरफ्तारी की.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की मांग है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा दें और चुनाव एक अंतरिम सरकार के तहत हो. शेख हसीना की सरकार ने विपक्ष की इस मांग को खारिज किया है. ढाका में जुटे पार्टी के समर्थकों ने रैली के दौरान राजधानी की कई सड़कें ब्लॉक कर दी. आगजनी की. कई बसों को खाक कर दिया. सार्वजनिक स्थानों में तोड़फोड़ की. पुलिस पर बीएनपी समर्थकों के पेट्रोल बम से हमले का भी दावा है.
1000 बीएनपी समर्थक की गिरफ्तारी का दावा
बांग्लादेश में कोस्ट ऑफ लिविंग बढ़ी है, इससे आम नागरिकों का जीना मुहाल है. वे अपनी मांगों के साथ पिछले कुछ महीने में कई बार सड़क पर उतरे हैं. बीएनपी का दावा है कि पुलिस लाठीचार्ज में पार्टी के दर्जनों समर्थकों को गंभीर चोटें आई है. पार्टी ने दावा किया की 1000 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है. हिंसा में 20 अधिकारियों के घायल होने की भी खबर है. पार्टी के दो नेताओं को भी हिरासत में लिया गया लेकिन बाद छोड़ दिया गया.
वोटों की धांधली से सत्ता में आईं शेख हसीना
वोटों में धांधली के आरोपों और विपक्ष को निशाना बनाने के बाद 2014 और 2018 के राष्ट्रीय चुनावों से हालात खराब हुए हैं. विपक्ष का दावा है कि पिछले दो कार्यकाल में शेख हसीना ने चुनाव में बड़े स्तर पर धांधली की है. हसीना सरकार इन आरोपों को खारिज करती है. 2009 में सत्ता में आने के बाद से उन्होंने देश के सिस्टम को कड़े नियंत्रण में रखा है. मसलन, हसीना सरकार पर मानवाधिकारों के उल्लंघन, प्रेस फ्रीडम पर नकेल, आलोचकों को जेल में डालने जैसे आरोप लगते रहे हैं. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया 2018 से जेल में हैं. बीएनपी का दावा है कि झूठे भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें जेल की सजा दी गई.
महंगाई से आम लोगों का जीना मुहाल
ढाका पुलिस के प्रवक्ता फारूक अहमद का दावा है कि विपक्षी समर्थकों ने पुलिस काफिले पर हमला किया था. वे ट्रैफिक बहाल कर रहे थे. हालात को काबू करने के लिए आंसू गैस और रबर बुलेट दागनी पड़ी. सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए जिसमें देखा जा सकता है कि सड़कों पर पुलिस लोगों पर लाठियां बरसा रही है. प्रदर्शन में देश के अलग-अलग हिस्से से ढांका पहुंचे लोगों ने बताया कि देश में महंगाई बढ़ रही है. खाने के सामानों की कीमतें आसमान छू रही है. आम लोगों का जीना मुहाल है. इसलिए जनता में हसीना सरकार के खिलाफ नाराजगी है.
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