इस्लामाबाद। पाकिस्तान में रुपये की कीमत में उछाल और हाल ही में सरकार द्वारा लागू नई कर नीतियों के चलते महंगाई आसमान छू रही है। इस महंगाई ने यहां के लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। आउट ऑफ कंट्रोल होती महंगाई को देखते हुए यहां की विपक्षी पार्टियों ने सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आएं हैं।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष द्वारा विरोध का आह्वान किए जाने के बाद कराची, लरकाना, लाहौर, सुक्कुर, मर्दन, जैकोबाबाद, मोहमंद, जियारत, मिंगोरा और देश के अन्य शहरों में लाखों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए।
पीएमएल-एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने देश के लोगों को विरोध में शामिल होने को कहा
पीएमएल-एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने देश के लोगों से पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई के विरोध में शामिल होने को कहा। शरीफ ने कहा कि इमरान खान सरकार को और समय देने का मतलब है कि पाकिस्तान की जनता को और परेशानी का सामना करना पड़ेगा। शाहबाज ने कहा कि देश और उसके लोगों की आर्थिक स्थिति तब तक नहीं सुधरेगी जब तक हम इस अत्याचारी सरकार से छुटकारा नहीं दिलाते।
पाकिस्तान में महंगाई चरम पर
पाकिस्तान में महंगाई बढ़ रही है। दैनिक जरूरतों और ईंधन की कीमतें बढ़ गई हैं और यहां तक कि विपक्षी दलों ने भी महंगाई के खिलाफ रैलियां की हैं और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की है।
सब्जियों और दालों सहित अंडे की कीमत में भी आग लगी है। एक अंडे की कीमत 30 रुपये, एक किलो चीनी 104 रुपये, एक किलो गेहूं 60 रुपये और अदरक एक हजार रुपये किलो बिक रहा है। वहीं गेहूं की कीमत ने अक्तूबर 2020 में रिकॉर्ड तोड़ दिया। अब यहां 2400 रुपये प्रति 40 किलोग्राम (60 रुपये किलो) गेहूं बिक रहा है।
प्याज निर्यात करने वाला पाकिस्तान अब आयात करने के लिए मजबूर
पहले पाकिस्तान विश्वभर को प्याज का निर्यात करता था। लेकिन अब उसे अपने प्याज की कीमतों को कम करने के लिए इसका आयात करना पड़ रहा है। जनता के लिए आटे और चीनी के दाम को कम करने के लिए इमरान खान की सरकार और अधिकारी बैठकें कर रहे हैं।
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