कांग्रेस सहित 11 विपक्षी दलों ने किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। एक साझा बयान में कहा गया है कि हम प्रधानमंत्री की ओर से विपक्षी दलों पर लगाए जा रहे आधारहीन आरोपों का कड़ा विरोध करते हैं। प्रधानमंत्री विपक्ष पर किसान आंदोलन के बहाने राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगा रहे हैं। विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों और बिजली (संशोधन) विधेयक रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि इसके बाद सरकार को कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए किसानों और अन्य पक्षों से बातचीत करनी चाहिए। इस बयान में कहा गया है कि हम 500 से ज्यादा किसान संगठनों के आंदोलन का पूरा समर्थन करते हैं।
हममें से कइयों ने बिना चर्चा के इन कानूनों को संसद में पेश करने का विरोध किया था। जिन सांसदों ने मतदान की मांग की उन्हें निलंबित कर दिया गया। गौरतलब है कि 18 दिसंबर को मध्यप्रदेश के किसानों से संवाद करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जो पार्टियां अपने चुनाव घोषणापत्र में कृषि सुधारों की बात करती थीं वह अब नए कानूनों का विरोध कर रही हैं। विपक्षी नेताओं ने इस बयान का जिक्र करते हुए कहा कि हम अब भी कृषि सुधार का समर्थन करते हैं, लेकिन इन कानूनों से ऐसा नहीं होगा।
यह बयान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, गुपकार गठबंधन से फारूक अब्दुल्ला, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, राजद नेता तेजस्वी यादव, डीएमके नेता टीआर बालू, भाकपा महासचिव डी राजा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, एआईएफबी नेता देवब्रत विश्वास और आरएसपी के मनोज भट्टाचार्य के हस्ताक्षर से जारी किया गया
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved