भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने भी किया था ट्वीट, विपक्ष को मुद्दा नहीं मिले इसलिए बनी सहमति, समर्थकों ने अपने-अपने नेता की जीत बताया
इंदौर। हिन्दुओं के सबसे बड़े त्योहार होली पर सार्वजनिक होलिका दहन (Public Holika Dahan) पर लगे प्रतिबंध के बाद भाजपा नेताओं ने तो तीखी प्रतिक्रिया दी ही, विपक्ष को भी बोलने का मौका मिला और उन्होंने इसके विरोध में मैदान पकड़ लिया। इन सबकी जानकारी भोपाल (Bhopal) में मुख्यमंत्री (Chief Minister) तक पहुंची और बड़े नेताओं ने बताया कि ये फैसला ठीक नहीं है। इससे सरकार के विरोध में ही माहौल पैदा हो रहा है।
शहर में बढ़ते कोरोना (Corona) के आंकड़ों को लेकर जिला प्रशासन (District Administration) ने होली और शबे बरात जैसे पर्व को घर में ही मनाने की बात कही थी और सार्वजनिक होलिका दहन पर प्रतिबंध भी लगा दिया था। इस निर्णय को लेकर पहला विरोध भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा ने अपने ट्वीट के माध्यम से किया था, जिसको लेकर शहर की राजनीति गरमा गई और विधायक संजय शुक्ला (Sanjay Shukla), विशाल पटेल तथा विनय बाकलीवाल ने भी इस निर्णय का विरोध करते हुए शर्मा का स्वागत कर दिया। हालांकि दोपहर में जब कांग्रेसी कलेक्टर मनीषसिंह (Collector Manish Singh) से मिले तो उनके सुर ही बदल गए और उन्होंने शहरहित में इस फैसले को उचित ठहराया और चुप हो गए। उमेश शर्मा (Umesh Sharma) ने भी स्पष्टीकरण दे डाला कि वे इस निर्णय से असहमत थे, उन्होंने विरोध नहीं किया। हालांकि इसके बाद भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने भी बंगाल से ट्वीट कर लिखा कि होलिका दहन रोकना अनुचित है और ये आपत्तिजनक फैसला है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद कृष्णमुरारी मोघे ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख डाला। शाम को सांसद शंकर लालवानी ने भी मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर त्योहार मनाने की इजाजत देने की बात कही। इस सबकी जानकारी भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई और बताया कि इंदौर में इस तरह का प्रतिबंध लागू करने से अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। बाद में वहां से इंदौर के अधिकारियों से बात की और तय हुआ कि एक गाइड लाइन बनाकर होलिका दहन की अनुमति दे दी जाए। इसके बाद फैसला बदला और 20-20 लोगों की मौजूदगी में सार्वजनिक होलिका दहन को अनुमति दे दी गई। वहीं शबे बरात को लेकर भी अनुमति दे दी गई। बाद में नेताओं के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर फैसला बदले जाने का श्रेय अपने-अपने नेता को देना शुरू कर दिया।
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