नई दिल्ली । विपक्षी सांसदों (Opposition MPs) ने अडानी विवाद और जेपीसी की मांग को लेकर (Over Adani Dispute and Demand of JPC) संसद में विरोध प्रदर्शन किया (Protested in Parliament) और मानव श्रृंखला बनाई (Form Human Chain) ।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिस मांग को लेकर हमने कल विरोध प्रदर्शन किया था आज भी वही है। हमारी जेपीसी की मांग है लेकिन ये सरकार मान नहीं रही इसलिए आज हमने मानव श्रृंखला बनाई। जब उनके पास बहुमत है तो वो जेपीसी के लिए क्यों डर रहे हैं । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाले विपक्ष ने टीएमसी को छोड़कर विपक्षी को एकजुट रखा है। नेताओं के खिलाफ एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर खड़गे समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ बात कर रहे हैं और आप व बीआरएस के नेताओं को इसके साथ खड़े होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। गौरतलब है कि दोनों राजीतिक दलों का कांग्रेस के साथ तालमेल नहीं रहा है, लेकिन शराब नीति पर एजेंसियों के दबाव ने बीआरएस और आप को कांग्रेस के एक साथ ला खड़ा किया है। खड़गे ने मौका देखते हुए कहा, जेपीसी के मुद्दे पर विपक्षी दल एकजुट हैं।
संसद सत्र के बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान चार दिनों से भाजपा लगातार राहुल गांधी से सदन में आकर माफी मांगने की मांग कर रही है। गुरुवार को दोपहर 2 बजे जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो राहुल गांधी भी सदन में मौजूद थे। राहुल सदन की कार्यवाही शुरू होने से चंद मिनट पहले ही सदन पहुंचे और जैसे ही उन्होंने लोक सभा में प्रवेश किया , भाजपा सांसदों ने जोरदार शब्दों में माफी मांगने की मांग की।
2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोक सभा की कार्यवाही के संचालन के लिए जैसे ही पीठासीन सभापति किरिट प्रेमजीभाई सोलंकी अध्यक्ष के आसन पर बैठे, नारेबाजी शुरू हो गई। तृणमूल कांग्रेस के सांसद विरोध जताते हुए अपने-अपने मुहं पर काली पट्टी बांधकर वेल में आकर खड़े हो गए। नारेबाजी और हंगामे के बीच पीठासीन सभापति किरिट प्रेमजीभाई सोलंकी ने सदन को चलाने की कोशिश की।
इस बीच बार-बार लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी राहुल गांधी की तरफ बार-बार ऊंगली दिखाकर आसन से कुछ कहने का प्रयास कर रहे थे। ऐसा लग रहा था कि राहुल गांधी सदन में कुछ बोलना चाहते थे लेकिन सदन में हंगामा और नारेबाजी जारी रहने पर पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही को शुक्रवार 11 बजे तक यानी दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले गुरुवार को ही सुबह 11 बजे भी सदन की कार्यवाही को हंगामे और नारेबाजी के कारण दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा था।
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