डेस्क: वक्फ बोर्ड संशोधन बिल (Wakf Board Amendment Bill) के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) के कामकाज को लेकर विपक्षी सदस्यों ने कमेटी चीफ (Committee Chief) पर आरोप लगाया है. इसे लेकर विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को पत्र भी लिखा है. पत्र में JPC के विपक्षी सदस्यों ने राज्य यात्राओं को लेकर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि उनकी शिकायतों के समाधान के आश्वासन देने के बावजूद JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) ने राज्यों का दौरा जारी रखा है. जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने पांच राज्यों की यात्रा का बहिष्कार कर दिया है. साथ ही JPC अध्यक्ष के नेतृत्व में हो रही बैठकों में कोरम पूरा न होने का आरोप भी लगाया है.
विपक्षी सदस्यों की ओर से लगाए गए आरोपों का JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने खंडन किया है. उन्होंने कहा, “संसदीय समितियों की अध्ययन यात्रा एक अनौपचारिक प्रक्रिया है. इन यात्राओं में कोरम जैसी कोई औपचारिकताएं नहीं होतीं हैं.” 9 नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखने के बाद कुछ विपक्षी सांसदों ने कहा, “5 नवंबर को हुई बैठक के बाद हमें उम्मीद थी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल के नेतृत्व में जेपीसी की यात्राओं को टाल दिया जाएगा.” उनका कहना है कि समिति की रिपोर्ट जमा करने की कोई तत्काल आवश्यकता नहीं थी.
सूत्रों के अनुसार, JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल के खिलाफ आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखने वालों में DMK के ए. राजा, कांग्रेस के मोहम्मद जावेद और TMC के कल्याण बनर्जी शामिल हैं. सांसदों ने कहा कि उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ कि जब उन्हें पता चला कि 9 नवंबर से शुरू होने वाले जेपीसी यात्रा को स्थगित नहीं किया गया था. इसलिए उन्होंने इसका बहिष्कार करना ही सही समझा. JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रविवार (10 नवंबर) को बताया कि उन्हें विश्वास है कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन तक समिति की रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा पूरी हो जाएगी.
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