नई दिल्ली: मणिपुर के मुद्दे पर संसद में चल रहा गतिरोध कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है. इस बीच खबर आई है कि केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है. सूत्रों के अनुसार, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में इसे लेकर फैसला हुआ है. बैठक में यह भी तय हुआ कि विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर सदन में पीएम के बयान की मांग पर कायम रहेगा.
मणिपुर के मुद्दे पर पिछले कई दिनों से हंगामा जारी है. संसद का मानसून सत्र शुरू होने के एक दिन पहले मणिपुर में 4 मई को महिलाओं को घुमाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद राजनीति गर्म है. विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर के मुद्दे पर बयान की मांग कर रहे हैं. हालांकि, 20 जुलाई को सत्र शुरू होने से पहले संसद के बाहर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने मणिपुर की घटना को शर्मनाक बताते हुए दोषियों की कड़ी सजा दिलाने की बात कही थी. लेकिन विपक्ष का कहना है कि पीएम को सदन के अंदर बयान देना चाहिए.
प्रस्ताव पर टीएमसी ने मांगा समय
मंगलवार (25 जुलाई) को इसी मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल दलों की बैठक हुई. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में सभी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया. विपक्षी दलों ने इसके साथ ही दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग जारी रखने का भी फैसला किया है. विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की आज की बैठक में सभी दल सहमत थे हालांकि टीएमसी ने अपनी राय जाहिर करने के लिए 24 घंटे का समय मांगा.
केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पचास सांसदों की जरूरत होती है. सूत्रों के मुताबिक लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और मनीष तिवारी को इसकी रूपरेखा तैयार करने और सांसदों के हस्ताक्षर जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है. विपक्षी दलों की रणनीति यह है कि अविश्वास प्रस्ताव के बहाने विपक्षी दल विस्तार से मणिपुर का मुद्दे पर सरकार को घेर सकेंगे और पीएम मोदी को चर्चा का जवाब देना होगा.
पीएम को जवाब देना होगा- संजय सिंह
संसद भवन परिसर में धरने पर बैठे आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जब तक जवाब नहीं देंगे गतिरोध यूं ही बना रहेगा पीएम को जवाब देना होगा. संजय सिंह को सोमवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया था.
आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, “मणिपुर की घटना से दिल दहल गया है. प्रधानमंत्री को मन की बात की जगह मणिपुर की बात करना चाहिए. सरकार को बहस करना चाहिए. दुनिया के सारे संसद मणिपुर पर चर्चा पर गंभीर है. भारत की संसद में इस पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है.” आप सांसद ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
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