नई दिल्ली । राज्यसभा (Rajyasabha) से 12 निलंबित सांसदों (Suspended 12 MPs) के समर्थन (Support) में विपक्षी नेताओं (Opposition leaders) ने आज गांधी प्रतिमा (Gandhi statue) से विजय चौक (Vijay Chowk) तक मार्च निकाला (Marches) । इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी विरोध के तौर पर काले कपड़े पहनकर शामिल हुए।
राज्यसभा में आज भी 12 सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्षी नेताओं ने नारेबाजी की और निलंबन को वापस लेने की मांग रखी। विपक्ष की ओर से जारी हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
राहुल गांधी ने कहा कि ‘सरकार विपक्ष को सवाल उठाने नहीं दे रही है। प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं। यह लोकतंत्र को चलाने का सही तरीका नहीं है। यह लोकतंत्र की हत्या है। सांसद करीब 2 हफ्ते से निलंबित हैं। वो लगातार धरने पर बैठे हैं। उनकी बात नहीं सुनी जा रही है।’ इससे पहले राहुल गांधी ने ट्विट कर लोकतंत्र में बहस व असहमति के महत्व का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर तंज कसा। उन्होंने ट्विट कर कहा कि ‘लोकतंत्र में बहस व असहमति का महत्व- इस विषय में मोदी सरकार को ट्यूशन की जरूरत है।’
आपको बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हुआ। शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को मॉनसून सत्र के दौरान ‘अशोभनीय आचरण’ करने के कारण, इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था। 12 सांसद जिनको निलंबित किया गया है उनमें कांग्रेस के 6, शिवसेना और टीएमसी के 2-2, सीपीआई और सीपीएम के 1-1 सांसद शामिल हैं।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है, उनमें माकपा के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
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