मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि विपक्ष ने महाराष्ट्र की छवि को धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ा है जो कल विधानसभा में हुआ, वह महाराष्ट्र के लिए लज्जास्पद है। इस घटना ने विधानसभा के कामकाज के दर्जे को निचले पायदान पर ला दिया है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार को बदनाम करने व सरकार गिराने के लिए ईडी, सीबीआई सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार इससे गिरने वाली नहीं है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को विधानमंडल के दो दिवसीय अधिवेशन के समापन के बाद पत्रकारों को बताया कि शोर शराबा मचाना, हंगामा करना ही लोकशाही नहीं है। कल विधानसभा में केंद्र सरकार से इम्पिरिकल डाटा मांगने का प्रस्ताव लाया गया था। इस प्रस्ताव पर विपक्ष को इतना हंगामा मचाने की जरूरत ही क्या थी। विपक्ष के सामने माइक थी वे अपना विरोध माइक पर कर सकते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र से इम्पिरिकल डाटा मांगने के बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उस डाटा में 8 लाख गलतियां हैं। यह जानकारी नेता प्रतिपक्ष को कहां से मिली। यही डाटा नेता प्रतिपक्ष ने खुद मुख्यमंत्री रहते हुए केंद्र सरकार से मांगा था।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि यही डाटा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मिलकर मांग चुके हैं। इसके बाद सभागृह में जो कुछ हुआ, वह हुआ ही, इसके बाद अध्यक्ष के कार्यालय में गाली गलौच और मारने का प्रयास किया गया। यह सब जितना पीठासीन अध्यक्ष ने बताया है उससे भी कहीं ज्यादा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र की जनता विधायक का चुनाव उनके हित के लिए काम करने के लिए करती है, मारपीट करने के लिए नहीं करती है।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि सिर्फ दो दिनों में सभागृह में जो कामकाज हुआ, उससे वे पूरी तरह संतुष्ठ हैं। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मौके पर अधिवेशन के कामकाज की जानकारी दी। (एजेंसी, हि.स.)
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