जयपुर। राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को शुरू हुआ जिस दौरान एक विधायक ने केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के लिए आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में ‘जय श्री किसान’ और ‘आंदोलनजीवी जिंदाबाद’ के नारे लगाए। राजस्थान की 15वीं विधानसभा का छठा सत्र बुधवार सुबह 11 बजे शुरू हुआ। इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र का अभिभाषण हुआ, जिसमें उन्होंने सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भादरा से विधायक बलवान पूनियां ने किसान आंदोलन और केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर नारेबाजी की।
उन्होंने इन कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए ‘काले कानून वापस लो’ का पर्चा लहराया और जय श्री किसान व आंदोलनजीवी जिंदाबाद के नारे भी लगाए। नारेबाजी करते हुए पूनियां आसन के सामने आ गए और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल उनको उनकी सीट तक लेकर गए लेकिन वह नारे लगाते रहे।
इस दौरान मंत्री हरीश चौधरी और उप सचेतक महेंद्र चौधरी ने भी उन्हें शांत करवाने का प्रयास किया, लेकिन पूनियां पूरे अभिभाषण के दौरान नारे लगाते रहे। वहीं कांग्रेस विधायक इंद्रा मीणा ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंचीं। उन्होंने कहा, ‘मैं देशभर के किसानों को यह संदेश देना चाहती हूं कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनके आंदोलन में कांग्रेस उनके साथ खड़ी है।’
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल सितंबर में लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर से ही बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच सरकार से किसान नेताओं की कई राउंड में बातचीत भी हुई है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है। वहीं, 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस पर निकाले गए ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद हालात और मुश्किल हो गए हैं।
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने संबोधन में कहा है कि वह इन कानूनों पर अभी चर्चा करने को तैयार हैं, लेकिन किसान नेता कानूनों को वापस कराने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
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