नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने साफ कर दिया है कि वक्फ संशोधन विधेयक (Wakf Amendment Bill) संसद के मौजूदा सत्र में फिर से पेश किया जाएगा। इस विधेयक को अगस्त 2024 में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया था। मौजूदा बजट सत्र के 4 अप्रैल को समाप्त होने में केवल चार कार्य दिवस शेष रह गए हैं। शाह ने कहा, ‘हम इसी सत्र में संसद में वक्फ विधेयक पेश करेंगे।’ उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून से किसी को डरना नहीं चाहिए क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार संविधान के दायरे में वक्फ अधिनियम में संशोधन कर रही है। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। मुसलमानों के किसी भी अधिकार पर अंकुश नहीं लगाया जाएगा। वे सिर्फ झूठ पर झूठ बोल रहे हैं।’
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार को मौजूदा कानून में संशोधन विधेयक लाना पड़ा क्योंकि मूल कानून तुष्टीकरण की राजनीति के कारण बनाया गया था। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने वक्फ अधिनियम में ऐसे नियम बनाए जो संविधान की भावना के अनुरूप नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘हमने वक्फ विधेयक को संविधान के दायरे में रखा है, जबकि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए कानून को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था।’ शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने दिल्ली में 123 प्रमुख स्थानों को वक्फ संपत्ति घोषित किया है और प्रयागराज में ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क को भी वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है।
विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन पर क्या बोले अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की ओर से बनाए गए मौजूदा कानून के अनुसार इन फैसलों को अदालतों में चुनौती भी नहीं दी जा सकती। विधेयक के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर गृह मंत्री ने कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है। किसी भी विवाद को अदालत में चुनौती दी जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘वे विरोध करने के लिए स्वतंत्र हैं। यदि विधेयक संविधान के दायरे में नहीं है, तो इसे अदालतों में चुनौती दी जा सकती है।’ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसमें जेपीसी की ओर से अनुशंसित बदलावों को शामिल किया गया है। इससे इसे चर्चा और पारित करने के लिए संसद में पेश करने का रास्ता साफ हो गया है।
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