नई दिल्ली । विपक्षी इंडिया गठबंधन (Opposition India Alliance) ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ (Aainst Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhad) अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया (Gave notice of No Confidence Moion) । 10 दिसंबर 2024 को संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन लाए इस प्रस्ताव पर 60 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सीपीआई-एम और राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य शामिल हैं। विपक्ष का आरोप है कि धनखड़ पक्षपाती तरीके से सदन की कार्यवाही चला रहे हैं, जिससे उनके सदन संचालन में निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि विपक्षी सांसदों ने उन्हें बताया कि वे सदन की कार्यवाही में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहते हैं, लेकिन राहुल गांधी संसद में हिस्सा नहीं लेना चाहते हैं। रिजिजू ने यह भी टिप्पणी की कि राहुल गांधी शायद संसद और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास नहीं रखते। वहीं, प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर सदन को स्थगित करवा रही है ताकि चर्चा न हो सके। उनका कहना था कि विपक्ष अपनी बात रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है।
संसद में इस दिन दोनों सदनों की कार्यवाही में हंगामा देखा गया। लोकसभा में, विशेषकर अडानी-जॉर्ज सोरोस मुद्दे पर, विपक्ष ने तीव्र विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण कार्यवाही को पहले स्थगित किया गया और फिर बुधवार तक के लिए स्थगन घोषित किया गया। इसी प्रकार, राज्यसभा में भी कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्षी नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार और सभापति को घेरा। संजय राउत (शिवसेना, उद्धव गुट) ने राहुल गांधी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि वे देश की सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। राम गोपाल यादव (सपा) ने संविधान की मौलिक अधिकारों की अहमियत पर जोर दिया और कहा कि सदन में उस पर चर्चा होनी चाहिए। वहीं, भाजपा के निशिकांत ठाकुर ने आरोप लगाया कि विपक्षी सांसद उन्हें बोलने का मौका नहीं दे रहे हैं और वे भारत-पाकिस्तान विभाजन के दोषी हैं, जबकि अब वे जॉर्ज सोरोस के साथ खालिस्तान और अलग कश्मीर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ कड़ी टिप्पणियां कीं, उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी इतना पक्षपाती सभापति नहीं देखा। उनका आरोप था कि धनखड़ विपक्षी सांसदों को बोलने का मौका नहीं देते, जबकि सत्ता पक्ष के सांसदों को नियमों का उल्लंघन करने की छूट मिलती है।
पिछले दिन, राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडाणी का मुखौटा पहनकर उनसे सवाल-जवाब किए। यह इशारा था कि उनके बीच गहरे संबंध हैं। राहुल ने इन संबंधों और संसद में हो रहे गतिरोध के बारे में कई सवाल किए। भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राहुल गांधी पर अभद्र भाषा का आरोप लगाया और कहा कि विपक्ष को उद्योगपतियों के बजाय विदेशी निवेशकों की ओर रुख करने की चिंता है।
राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव और कार्यवाही को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच घमासान जारी रहा । विपक्ष ने जहाँ सभापति की निष्पक्षता पर सवाल उठाए, वहीं सत्ता पक्ष ने राहुल गांधी पर संसद की गरिमा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया । वर्तमान में, सदन की कार्यवाही में गतिरोध और स्थगन की स्थिति बनी हुई है, जिससे आगामी दिनों में इस मुद्दे पर और बहस की संभावना है।
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