मंद्रास (Mandras)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) बुधवार से एक जून तक के लिए ध्यान में बैठने जा रहे हैं, वे कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial of Kanyakumari) में मेडिटेशन (Meditation) करेंगे। उनकी इस आध्यात्मिक यात्रा को लेकर विपक्ष के मन में कई सवाल उठने लगे हैं, सभी को लग रहा है कि ये भी वोट पाने का ही एक तरीका है। चुनाव आयोग को दो टूक कहा गया है कि ऐसे किसी भी प्रोग्राम का मीडिया द्वारा प्रसारण नहीं होना चाहिए।
विपक्ष को क्या आपत्ति है?
इस ध्यान पॉलिटिक्स पर सबसे पहले सीपीआई (एम) तमिलनाडु के सचिव के. बालाकृष्णन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। उस पत्र में कहा गया है कि मीडिया ऐसे किसी भी प्रोग्राम का प्रसारण ना करे। पीएम मोदी अगर ध्यान लगाना चाहते हैं, ये उनकी निजी पसंद है, इसका प्रसारण करने से ये चुनाव की बड़ी प्रचार सामग्री बन सकता है। इसी तरह कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी सवाल उठा दिए हैं।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि वोटिंग से 48 घंटे पहले किसी भी तरह का प्रचार नहीं होना चाहिए, फिर चाहे वो साइलेंट हो या फिर कुछ और। हमे इस बात से दिक्कत नहीं है कि कोई क्या कर रहा है, वो मौन व्रत रखे या कुछ और, लेकिन अप्रत्यक्ष अभियान नहीं चलना चाहिए। कांग्रेस की तरफ से इसे आचार सहिता का एक उल्लंघन बता दिया गया है।
वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी इस तरह ध्यान लगाने के लिए आध्यात्मिक यात्रा पर निकल गए हों। इससे पहले भी पीएम ने केदारनाथ की गुफा में इसी तरह से ध्यान लगाया है, उसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल रही थी।
बीजेपी का क्या तर्क है?
अब उसी कड़ी में फिर पुरानी परंपरा को निभाते हुए पीएम मोदी ध्यान लगाने के लिए कन्याकुमारी जा रहे हैं। बीजेपी का तो यहां तक कहना है कि स्वामी विवेकानंद ने भी कन्याकुमारी की धरती से ही विकसित भारत का सपना देखा था, अब पीएम मोदी को भी उस संंकल्प को पूरा करना है।
4 जून को जनादेश
जानकारी के लिए बता दें कि एक जून को आखिरी चरण की वोटिंग होने वाली है और 57 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। उसके बाद जून को देश की जनता का जनादेश आएगा और पता चल जाएगा कि फिर मोदी सरकार आने वाली है या फिर इंडिया गठबंधन इस बार सत्ता में आने की तैयारी कर रहा है। अभी के लिए मुकाबला काफी तगड़ा बना हुआ है और अभी से ही हार-जीत को लेकर बहस छिड़ चुकी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved