नई दिल्ली (New Delhi) । संसद का मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) और मणिपुर मुद्दे (Manipur issues) पर हंगामा साथ-साथ जारी है। इसी बीच INDIA यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला कर लिया है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि दल गुरुवार को प्रस्ताव के लिए नोटिस दाखिल कर देंगे। विपक्ष के इस दांव ने चर्चाएं तो बढ़ाई ही हैं, लेकिन सवाल भी पैदा कर दिया है कि मणिपुर पर चर्चा की मांग करते-करते आखिर INDIA ने रुख बदलकर अविश्वास प्रस्ताव की ओर जाने का फैसला कैसे कर लिया।
ऐसे बनी सहमति
सोमवार की शाम थी और गठबंधन के एक वरिष्ठ नेता की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने यह सुझाव रखा गया। मंगलवार को जब सुबह 10 बजे मिले, तो उन्होंने अन्य दलों के सामने प्रस्ताव की बात रख दी और राय मांगी। बैठक में नेताओं की तरफ से पहले राज्यसभा की रणनीति पर चर्चा हुई। बाद में यह मणिपुर दौरे पर आई और अंत में अविश्वास प्रस्ताव का मुद्दा उठाया गया।
विपक्ष क्यों अविश्वास प्रस्ताव को मान रहा है जरूरी
खबर है कि विपक्षी गठबंधन के नेता पहले ही अविश्वास प्रस्ताव से जुड़े फायदा और नुकसान की जानकारी जुटा चुके हैं। एक नेता ने कहा, ‘… अगर हम अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं, तो हम पीएम को मुद्दों पर बोलने के लिए मजबूर कर देंगे। अगर वे बहस से बचते नजर आते हैं, तो यह नैतिक जीत होगी।’ कहा जा रहा है कि गठबंधन इसे भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जंग में बड़े कदम के तौर पर देख रहा है।
एक नेता ने बताया, ‘जब हम सोमवार सुबह मीटिंग के लिए गए, तो हमने तय किया कि राज्यसभा की रणनीति को न बदला जाए, बल्कि लोकसभा में वैकल्पिक रणनीति खोजी जाए।’
अब आगे क्या
बुधवार को विपक्षी गठबंधन के नेता सुबह 10 बजे बैठक करने जा रहे हैं और नोटिस के लिए सांसदों के हस्ताक्षर लेने की तैयारी करेंगे। कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने कहा, ‘कांग्रेस संसदीय दल के सभी लोकसभा सांसदों से अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए बुधवार सुबह 10.30 पर मौजूद रहने के लिए कहा गया है। तीन लाइन का व्हिप जारी किया गया है।’
विपक्ष गुरुवार को लोकसभा सचिवालय में नोटिस दाखिल कर सकता है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि सबसे बड़े विपक्षी दल के तौर पर कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू कर सकता है। हालांकि, यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ साथी दल चाहते हैं कि इस मुद्दे पर बोलने वाला व्यक्ति अच्छी हिंदी में अपनी बात रख सके।
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