भोपाल। मध्य प्रदेश में 27 सीटों के विधानसभा उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तैयारी तेज कर दी है। मंगलवार को चुनाव आयोग ने कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए 18 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसमें एक तरह से ट्रेनिंग दी गयी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मतदान की प्रक्रिया पर भी चर्चा की गई। चुनाव आयोग की डायरेक्टर मोना श्रीनिवास ने वीसी में कहा कि कोविड-19 के संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी को ध्यान में रखकर विधानसभा उप-चुनाव कराया जाएगा। मतदान-केन्द्रों पर कोविड-19 की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। मतदाताओं को लाइन में लगने के लिए 6 फीट की दूरी पर गोले बनाए जाएंगे। हर मतदाता का थर्मल स्क्रीनिंग से तापमान लिया जाएगा। यदि किसी मतदाता का तापमान अधिक आता है, तो उसका दोबारा तापमान लिया जाएगा। इसके बाद भी तापमान अधिक आने पर उसे मतदान के आखिरी घंटे में मतदान करने के लिए टोकन दिया जाएगा। मतदान-केन्द्र में एक हजार से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे। इससे अधिक मतदाता होने पर सहायक मतदान-केन्द्रों की व्यवस्था की जाएगी। मतदान-केन्द्रों पर सेनेटाइजर का इंतजाम रहेगा।
29 नवंबर से पहले चुनाव
मध्यप्रदेश में विधान सभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग पहले ही स्थिति साफ कर चुका है। आयोग ने कहा है कि मध्यप्रदेश में विधानसभा उप चुनाव बिहार विधानसभा के आम चुनाव के साथ ही करा लिए जाएंगे। बिहार विधानसभा के चुनाव 29 नवंबर से पहले कराए जाना हैं। ऐसे में यह तय है कि मध्य प्रदेश में भी उपचुनाव 29 नवंबर से पहले होंगे। चुनाव आयोग कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। इसके साथ ही चुनाव वाले इलाकों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी।
कोविड से बचने की ट्रेनिंग
उप चुनाव में निर्वाचन आयोग प्रत्याशियों के चुनाव खर्च पर नजर रखेगा। प्रत्याशी अपना चुनाव खर्च आयोग द्वारा निर्धारित 28 लाख रुपए की सीमा तक ही कर सकेंगे। 10 लाख रुपए या उससे अधिक की नकदी चुनाव क्षेत्र में पकड़ी जाती है, तो आयकर विभाग कार्रवाई करेगा। प्रत्याशियों के चुनाव खर्च को कोई भी व्यक्ति संबंधित निर्वाचन कार्यालय में एक रुपए का शुल्क जमा कर देख सकेगा। निर्धारित शुल्क देकर उसकी प्रति भी हासिल की जा सकेगी। आज सभी 18 जिलों के कलेक्टर्स और जिला निर्वाचन अधिकारियों और रिटर्निंग अधिकारियों को चुनाव खर्च, कोविड-19 गाइड-लाइन, आदर्श आचरण संहिता, मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंग कमेटी और सोशल मीडिया कैम्पेन पर भारत निर्वाचन आयोग के विशेषज्ञों ने ट्रेनिंग दी।
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