उज्जैन। असामाजिक तत्वों और संदिग्धों पर नजर रखने के लिए उज्जैन पुलिस ने जिले में ऑपरेशन उज्जैन आई अभियान चलाया है। अब पुलिस तीसरी आंख की मदद से उन सभी बदमाशों और संवेदनशील क्षेत्रों पर नजर रख रही है, जो अपराधियों का गढ़ माना जाता है। ऑपरेशन आई की सफलता की बात करे तो अभी तक जनसहयोग से पुलिस द्वारा पूरे जिले में करीब 500 कैमरे लगाए जा चुके है।
उल्लेखनीय है कि एक समय था जब पुलिस के मुखबीर हुआ करते थे। घटना के बाद पुलिस को वह तुरंत जानकारी देते है। अब समय के हिसाब से पुलिसिंग में बदलाव आया। उज्जैन पुलिस डिजिटल साक्ष्यों के सहारे अपराधियों की तह तक पहुंच रही है। यहाँ तक डिजिटल साक्ष्यों को सबूत के रुप में कोर्ट में भी पेश कर रही है। जिले में कई ऐसे अपराध हुए, जहाँ तक पुलिस का पहुँचना संभव नहीं था लेकिन सीसीटीवी की मदद से इन अपराध को सुलझाने में पुलिस सफल रही और आरोपियों तक पुलिस पहुँची। एएसपी निलेश भार्गव ने बताया कि ऑपरेशन उज्जैन आई अभियान के तहत उज्जैन पुलिस ने पिछले 20 दिनों में 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए है। जिनमें जिले के व्यापारियों, सामाजिक संस्थानों के साथ आम लोगों का सहयोग भी पुलिस को मिला हैं। उज्जैन शहर के अलावा उज्जैन ग्रामीण के तराना, घटिया, खाचरौद, बडऩगर, महिदपुर और नागदा के विभिन्न क्षेत्रों में कैमरे लगाए गए है। अभी तक करीब 50 लाख रुपए की लागत के सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके है। ऐसे में पुलिस ने उज्जैन शहर के प्रमुख चौराहों से लेकर रेलवे स्टेशन, बस स्टेंड, रहवासी कॉलोनी समेत ऐसे कई क्षेत्रों को कवर करते हुए पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी बढ़ाई हैं।
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