उत्तरकाशी: उत्तरकाशी (Uttarkashi) की सुरंग में फंसे मजदूरों (workers trapped in tunnel) को सुरक्षित बाहर निकालने के बचाव अभियान को शुक्रवार दोपहर कुछ देर के लिए रोक दिया गया. सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए इस्तेमाल की जा रही ड्रिलिंग मशीन (drilling machine) पर मलबा गिरने के बाद यह कदम उठाया गया है. सुरंग में पांचवीं ट्यूब डालते ही मलबा मशीन पर गिरने लगा. इसके तुरंत बाद बचावकर्मी सुरंग से बाहर निकले और ऑपरेशन को लगभग एक घंटे के लिए रोक दिया गया. सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि बचाव अभियान में इस्तेमाल लाई जा रही अमेरिकी ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी आ गई है. मशीन आगे नहीं बढ़ पा रही है. मशीन का बेयरिंग खराब हो रहा है. ऐसे में अब एंकर लगाकर मशीन को प्लेटफॉर्म पर लगाया जा रहा है.
कहा जा रहा है कि अब तक मशीन सिर्फ 24 मीटर तक ही ड्रिल करके पाइप डाल पाई है. शुक्रवार को अब तक सिर्फ छह मीटर तक ही पाइप सुरंग के भीतर जा चुका है. इस बीच इंदौर से एडवांस ऑगर मशीन मंगाई जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे टीम 103 मीटर के वर्टिकल अप्रोच को भी तलाश रही है. यदि यह रेस्क्यू ऑपरेशन असफल हो जाता है तो वर्टिकल के लिए प्रयास किया जाएगा.
मजदूर सुरंग के एंट्री प्वॉइंट से करीब 200 मीटर अंदर फंसे हैं. जहां मजदूर फंसे हैं, वहां ठीक उनके आगे 50 मीटर से ज्यादा मलबा है. रेस्क्यू टीम के लिए मुश्किल इस बात की है कि टनल का ये हिस्सा बेहद कमजोर है. जैसे ही मजदूरों को निकालने के लिए मलबा निकालने की कोशिश होती है, मलबा फिर से टनल में गिर जाता है. अब इस 50 मीटर से भी ज्यादा लंबे मलबे के बीच 800 और 900 मिलीमीटर चौड़े स्टील पाइप डाले जा रहे हैं. कोशिश है कि मलबे के आर-पार स्टील पाइप डालकर अंदर से एक-एक करके मजदूरों को निकाला जा सके.
उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने बताया कि अधिकारी फंसे हुए श्रमिकों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और उनसे धैर्य नहीं खोने के लिए कह रहे हैं. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इंदौर में होने के बावजूद सिल्क्यारा में बचाव अभियान की लगातार निगरानी कर रहे हैं.
ये मजदूर सुरंग में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को भोजन और दवाओं की आपूर्ति की जा रही है. रेस्क्यू दल श्रमिकों के साथ नियमित बातचीत कर रहा है, ताकि मजदूरों में जिंदा रहने की आशा बनी रहे. दूसरी ओर मजदूरों को निकालने के लिए पास बनाने का प्रयास भी जारी है. इसके लिए वायुसेना के तीन परिवहन विमानों से एक के जरिए भारी ड्रिलिंग मशीन को दिल्ली से एयरलिफ्ट किया गया.
ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बन रही है. 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए. इन्हें निकलने के लिए पांच दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है. लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली. उधर, कुछ मजदूरों ने सुरंग के पास विरोध प्रदर्शन भी किया और रेस्क्यू के धीरे होने का आरोप लगाया.
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