इंदौर। दिल्ली के अस्पताल से तकनीक सीखकर आए डॉक्टरों ने उन्नत तकनीक के माध्यम से एक गरीब परिवार के मुखिया की जान बचाई। दिमाग में ट्यूमर का इलाज करने के लिए डॉक्टरों ने धीमा करंट देकर उन स्थानों को चिह्नित किया, जिसके डैमेज से मरीज को लकवा लग सकता था।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने क्रेनियोटोमी अंडरकोर्टिकल मैपिंग तकनीक से 52 वर्षीय जगदीश के दिमाग की महत्वपूर्ण सर्जरी की। मरीज के मस्तिष्क के महत्वपूर्ण हिस्से में ट्यूमर था, जिसे डॉक्टरों ने हटा दिया। ऑपरेशन के दौरान उन्नत तकनीक का सहारा लेकर जाग्रत अवस्था में ऑपरेशन किया गया। अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. प्रशांत राजसिंह, डॉ. पीयूष पंचारिया एवं न्यूरो एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. पारुल गुप्ता ने अनोखा ऑपरेशन किया, जिसमें मरीज ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों से न केवल बातचीत करता रहा, बल्कि हाथ-पैर भी चलते रहे। तीन दिनों के बाद अब मरीज चल-फिर सकता है। यह ऑपरेशन आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क किया गया, जिसका प्राइवेट अस्पताल में खर्च 8 लाख रुपए आता है।
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