- विभागीय मंत्री का विवादित बयान
भोपाल। प्रदेश में ग्रामीण अंचल (Rural Area) की तस्वीर बदलने वाले पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural Development Department) में भ्रष्टाचार चरम पर है। मनरेगा जैसी डिजिटल योजना (Digital Plan) में भी भ्रष्टाचार की शिकायतें सरकार तक पहुंचती हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है। दरअसल विभागीय मंत्री महेन्द्र सिह सिसौदिया (Minister Mahendra Singh Sisodia) ने अफसरों को नियम-कानून तोड़कर काम करने की खुली छूट दे रखी है। मंत्री ने अपने गृह नगर गुना में सार्वजनिक तौर पर अफसरों को नियम-काूनन तोड़कर काम करने का ऐलान किया है।
सिसौदिया ने अपने क्षेत्र में एक सीसी रोड़ के भूमिपूजन कार्यक्रम में कहा कि ‘मैंने अधिकारियों से कह दिया था कि नियम तोड़ो या कानून तोड़ो, लेकिन सड़क बनाकर दो। दरअसल मंत्री ने अपने क्षेत्र बजरंगगढ़ की एक सड़क बनवाने को लेकर अफसरों से कहा कि ‘यह सड़क मुझे कैसे भी चाहिए। चाहे रास्ता कुछ भी निकालो। नियम तोड़ो, कानून तोड़ो, मगर बजरंगगढ़ की रोड स्वीकृत करके दो।
इन मंत्रियों के भी बिगड़े बोल
- पेट्रोल महंगा तो साइकिल से चलो: तोमर
ऊर्जा मंत्री इन दिनों अपनी नौटंकी और बयानों केा लेकर खासे चर्चा में हैं। मंत्री अपने गृह नगर ग्वालियर में फाल्ट सुधारने के लिए खुद खंभे पर चढ़े। इसके बाद ग्वालियर में एक कॉलोनी में लाइन डलवाने के लिए छह घंटे खटिया पर पड़े रहे। भोपाल में मंत्री ने पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर बयान दिया कि पेट्रोल महंगा है तो लेागों केा साइकिल से सब्जी मंडी जाना चाहिए। मंत्री के इस बयान से सरकार की जमकर किरकिरी हुई है। इसके बाद मंत्री कैबिनेट बैठक में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से भी उलझ गए थे। हालांकि इसके बाद से तोमर शांत हैं। - मरना है तो मर जाओ: परमार
प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार स्कूल बंद हैं। इसके बावजूद भी निजी स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है। जिसकी शिकायत लेकर अभिभाभक जब मंत्री शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे तो उन्होंने अभिभावकों की एक नहीं सुनी। मंत्री ने भोपाल में फीस कम कराने आए अभिभावकों से कहा कि ‘मरना है, तो मर जाओ, हमें फर्क नहीं पड़ता।Ó हालांकि जब मंत्री कि किरकिरी हुई तो सफाई दी कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा।