नई दिल्ली (New Delhi)। OPEC देशों द्वारा क्रूड ऑयल (crude oil) में कटौती करने से भारत के लिए मुसीबत बढ़ा दी है। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने भारत (India) के लिए टेंशन बढ़ा दी है। अब माना जा रहा है कि देश में फिर पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) के दाम भी बढ़ सकते है!
बता दें कि रूस और सऊदी अरब ने 5 सिंतबर को करार किया कि वो अगले तीन महीने तेल उत्पादन में कटौती जारी रखेंगे। UAE, इराक समेत 23 OPEC+ देश पहले ही कम तेल उत्पादन कर रहे हैं। इस वजह से 2023 में पहली बार क्रूड ऑयल की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं।
हाल ही में जारी रिपोर्ट बताया गया कि रूस की वो कंपनियां भी तेल उत्पादन घटा रही हैं, जिनमें भारतीय कंपनियों ने करीब 1.3 लाख करोड़ रुपए लगा रखे हैं। पिछले कुछ महीनों से भारत की जरूरत का सबसे ज्यादा तेल रूस से ही आता है, इसलिए सरकार की चिंता बढ़ना लाजिमी है।
क्रूड में आई तेजी के पीछे चीन के आर्थिक आंकड़े बड़ा ट्रिगर है. बता दें कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा आयातक देश है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चीन में रिटेल बिक्री, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में उम्मीद से बेहतर ग्रोथ दर्ज की गई। अगस्त में चीन में रिटेल बिक्री 4.6% बढ़ी है. इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में भी 4.5% की बढ़त रही है. इसके अलावा रिफाइनरी प्रोसेसिंग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
महंगे क्रूड का सीधा असर उन कंपनियों और सेक्टर्स पर होगा जहां इसका इस्तेमाल होता है. क्योंकि कंपनियां प्रोडक्शन या अन्य कामों के लिए रॉ मटेरियल के रूप में इसका इस्तेमाल करती हैं. इसमें पेंट कंपनियां, बैटरी बनाने वाली कंपनियां, टायर कंपनियां, FMCG कंपनियां, एविएशन कंपनियां, सीमेंट कंपनियां, लॉजिस्टिक कंपनियां, स्टील कंपनियां शामिल हैं।
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