इंदौर। कोरोना मरीजों (corona patients) की संख्या में भले ही इजाफा हो रहा है, मगर अच्छी बात यह है कि 1 फीसदी भी मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। सिर्फ बुजुर्ग या अन्य बीमारियों से पीडि़त मरीजों को ही एहतियात बतौर भर्ती किया जा रहा है। दूसरी लहर में जहां ऑक्सीजन (oxygen) की कमी और उसकी जमकर मारामारी थी, जबकि इस बार दो फीसदी ऑक्सीजन की भी खपत नहीं हुई और 100 टन से ज्यादा ऑक्सीजन का स्टॉक मौजूद है। निजी अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में इस बार ऑक्सीजन प्लांट्स शासन-प्रशासन (Government administration) ने तैयार करवाएं और 45 से अधिक प्लांट चल रहे हैं। नए 1291 मरीजों के साथ कुल उपचाररत मरीजों की संख्या 6626 हो गई है। बावजूद इसके अस्पतालों में कोविड सेंटर (covid center) में मात्र 198 मरीज भर्ती हैं और इनमें से भी अधिकांश सामान्य हैं।
कोरोना की दूसरी लहर जहां अत्यंत घातक थी, वहीं ऑक्सीजन (oxygen) की जबरदस्त किल्लत रही और एक-एक सिलेंडर के लिए मरीजों के परिजन तरस गए। हालांकि प्रशासन ने ऑक्सीजन मैनेजमेंट बेहतर तरीके से किया, जिसके चलते अन्य बड़े शहरों की तुलना में इंदौर में हाहाकार नहीं मचा, लेकिन शासन-प्रशासन ने सबक सीखकर सभी बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करवा दिए। 10 से 15 मैट्रिक टन की क्षमता जहां दूसरी लहर के दौरान थी, वह बढक़र अब 100 मैट्रिक टन से ज्यादा हो गई है। दूसरी लहर में रोजाना सवा सौ टन से ज्यादा ऑक्सीजन खप रही थी, तो अभी दो फीसदी भी खपत नहीं है और 100 टन से ज्यादा का स्टॉक मौजूद है। अभी कोरोना की तीसरी लहर (third wave) में मरीजों की संख्या बढऩे के चलते सभी ऑक्सीजन प्लांटों को पूरी क्षमता के साथ चालू रखा गया है और 48 घंटे का बफर स्टॉक रखने के भी निर्देश मिले हैं।
एमवाय (MY), एमटीएच से लेकर चोइथराम (Choithram), बॉम्बे हॉस्पिटल (Bombay Hospital), इंडेक्स सहित सीएचएल (CHL with index), क्योरवेल, गीता भवन (Geeta Bhavan), ज्यूपीटर (Jupiter), शैल्बी, अरिहंत, इंदौर क्लाथ मार्केट, एपल, ग्रेटर कैलाश, मयूर, लाइफ केयर, सुयश सहित 40 से ज्यादा निजी अस्पतालों के अलावा चाचा नेहरू, कैंसर अस्पताल (cancer hospital), पीसी सेठी, हुकुमचंद पॉली क्लीनिक (Hukumchand Poly Clinic), बीआर आम्बेडकर सहित मानपुर (Manpur with BR Ambedkar), देपालपुर, सांवेर के भी सरकारी अस्पतालों (government hospitals) में ऑक्सीजन प्लांट चालू कर दिए हैं। गत वर्ष तो जामनगर से लेकर अन्य स्थानों से ऑक्सीजन के टैंकर बुलवाना पड़े और वायु सेना के जहाजों ने भी खाली टैंकरों को समय पर पहुंचाया। इधर मरीजों की संख्या बढऩे के बावजूद निजी अस्पतालों में बेड खाली पड़े हैं। आज सुबह तक 21 निजी अस्पतालों में 121 कोरोना मरीज भर्ती हैं, जिनमें से 69 तो सामान्य आइसोलेशन वार्ड (isolation ward) में भर्ती हैं और 29 मरीज ऑक्सीजन बेड पर तो मात्र 3 मरीज आईसीयू (ICU) में भर्ती हैं।
ये वे मरीज हैं, जिनकी उम्र अधिक है या अन्य बीमारियों से पीडि़त हैं, जिसकेे चलते परिजनों ने एहतियात के रूप में भर्ती कर रखा है। राधास्वामी कोविड सेंटर में 86 मरीज भर्ती हैं। ये सभी ए सिम्प्टोमैटिक हैं और जिनके पास होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं है। राऊ, बेटमा और देपालपुर के कोविड केयर सेंटर खाली पड़े हैं तो मानपुर के सेंटर में मात्र 6 मरीज और सांवेर के कोविड केयर सेंटर (covid care center) में भी 5 मरीज भर्ती हैं। इस तरह इन कोविड केयर सेंटरों में भी मात्र 97 मरीज भर्ती हैं। इनमें भी 3 से 5 दिन में स्वस्थ होने के बाद घर भेजा जा रहा है। अस्पतालों और सेंटरों में कुल मिलाकर 198 मरीज ही भर्ती हैं। यानी जो उपचाररत 6626 मरीज बताए गए हैं, उनमें साढ़े 6 हजार से अधिक होम आइसोलेशन में ही उपचारत हैं। अभी हालांकि अगले 8-10 दिन मरीजों की संख्या इसी तरह मिलेगी।
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