भोपाल। रेलवे ने यात्री सुविधाओं और स्टेशन की व्यवस्थाओं को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली है। रेलवे अब स्टेशन पर जनरल टिकट बेचने की जिम्मेदारी बुकिंग क्लर्क की बजाए निजी कर्मचारियों का देगा। उसने इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। प्रारंभिक तौर पर मुख्य रेल मार्ग में आने वाले हाल्ट रेलवे स्टेशनों पर यह व्यवस्था शुरू भी कर दी गई है। हालांकि जनरल टिकट बेचने की जिम्मेदारी उसी को दी जाएगी, जो कम से कम दसवीं पास होगा और स्टेशन से जुड़े शहर या गांव का निवासी होगा। दरअसल इस सुविधा को निजी हाथों में सौंपने के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार देने का काम भी करेगा।
जनरल टिकट बेचने पर मिलेगा कमीशन
हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर रेलवे ने जनरल टिकट बेचने की जिम्मेदारी निजी हाथों में दे दी है। जबलपुर रेलवे मंडल के कटनी-जबलपुर रेल खंड में आने वाले माधवनगर और कटनी-सिंगरौली रेल खंड में आने वाले दमोय स्टेशन पर दसवीं पास निजी कर्मचारियों को यह जिम्मेदारी सौंप दी है। जनरल टिकट बेचने पर रेलवे इन्हें टिकट की ब्रिकी के मुताबिक कमीशन देगा। टिकट की ब्रिकी बढऩे के साथ ही कमीशन की राशि कम होती जाएगी। निजी कर्मचारियों को रेलवे सिर्फ प्रिंट कराकर टिकट देगा, बाकी व्यवस्था उन्हें खुद करनी होगी।
जितना वेतन, उतना काम नहीं
मुख्य रेलवे स्टेशन सहित सभी स्टेशनों पर जनरल टिकट बेचने के लिए प्लेटफार्म पर जनरल काउंटर खोले गए हैं। इनमें रेलवे का बुकिंग स्टाफ तैनात होता है, जिसका वेतन 50 से 80 हजार तक होता है। इतना वेतन देने के बाद भी जनरल काउंटर में टिकट को लेकर अक्सर विवाद होता है। इतना ही नहीं टिकट बनाने की रफ्तार भी कम होती है, जिससे काउंटर पर भीड़ देखते ही देखते बढ़ती जाती है। रेलवे अब इस व्यवस्था को ठीक करना चाहता है।
टिकट बेचने के साथ यह भी जरूरी
स्टेशन से लगे शहर या गांव में रहने वालों को ही टिकट बेचने की जिम्मेदारी मिलेगी। स्टेशन में जो जगह टिकट बेचने दी जाएगी, वहां खुद ही सफाई करनी होगी। प्रारंभिक तौर पर 5 साल के लिए ही दी जाएगी एक व्यक्ति को जिम्मेदारी। पुलिस में मामला होने पर नहीं मिलेगी टिकट बेचने की जिम्मेदारी।
जितनी ज्यादा बिकेगी टिकट, उतना कम होगा कमीशन
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