भोपाल। कुछ न कुछ तो गोलमाल है। कोरोना का सबसे बड़ा संकट यह है कि यदि एक घर या एक इलाके में किसी को हो जाए तो पूरा घर या इलाके के कई लोग चपेट में आ जाते हैं, लेकिन पिछले एक माह के कोरोना मरीजों के इलाकों पर नजर डालें तो यह आश्चर्यजनक तथ्य सामने आ रहा है कि शहर में हर दिन 100 से अधिक मरीज आ रहे हैं और कई दिनों में यह संख्या 150 तक पहुंच रही है, लेकिन अधिकांश इलाकों से केवल एक या दो मरीज ही आ रहे हैं, जबकि कोरोना महामारी का सबसे बड़ा खतरनाक पहलू यह है कि यह संपर्क में आने वाले लोगों को भी शिकार बना लेता है।
इस लिहाज से एक इलाके से एक व्यक्ति का ग्रसित होना सवाल खड़े करता है कि उस घर के बाकी सदस्य कैसे बचे? या तो प्रशासन आंकड़े छिपा रहा है या फिर कोरोना कमजोर होकर अपना ट्रेंड बदल चुका है, जिसकी संभावना बेहद कम है।
प्रशासन पर आंकड़े छिपाने के आरोप लगते रहे हैं। इससे पहले प्रशासन ने अप्रैल और मई माह में मौतों के आंकड़े छिपाए और वह जून-जुलाई की सूची में तब शामिल करके बताए, जब मौतों की गति शिथिल हो गई। प्रशासन द्वारा हर दिन चार मौतें बताई जा रही थीं, जबकि मई-जून माह में एक या दो मौतें हुईं और कई दिनों तक तो एक भी मौत शहर में नहीं हुई। यह तथ्य उजागर होने के बाद प्रशासन ने अस्पतालों पर आरोप लगाते हुए तर्क दिया कि देरी से जानकारी मिलने के कारण अब वह आंकड़े बताए जा रहे हैं। इसी तरह एक बार फिर प्रशासन द्वारा जारी सूची से आशंका गहरा रही है कि अब मरीजों के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं, क्योंकि कोरोना का चरित्र है कि वह एक घर या एक इलाके से कई लोगों को ग्रसित करता है और यही सबसे बड़े भय का कारण है, लेकिन अब प्रशासन की सूची पर गौर करें तो एक इलाके या एक घर से अब एक ही मरीज मिल रहे हैं, जबकि कुछ घंटों में संख्या बढ़कर दो हो रही है। हर दिन पांच-सात इलाके ही ऐसे होते हैं, जहां दो से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं।
आंकड़े छिपाए तो खतरनाक और कोरोना ने ट्रेंड बदला तो देश के लिए सुखद समाचार
प्रशासन द्वारा यदि आंकड़े छिपाए जा रहे हैं तो यह स्थिति खतरनाक है और यदि कोरोना ने ट्रेंड बदला है और वह घर के या इलाके के किसी एक या दो व्यक्ति तक सीमित हो गया है तो देशभर के लिए सुखद समाचार है। इसकी समीक्षा कर कोरोना के नए ट्रेंड की स्थितियों का विश्लेषण बेहद आवश्यक है, क्योंकि कोरोना का सबसे डरावना पहलू अब तक यह रहा है कि एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति कई लोगों में संक्रमण फैला सकता है और तादाद में मरीजों के मिलने पर उनका उपचार बेहद ही कठिन हो जाता है। ऐसी स्थिति को ही महामारी का नाम दिया जाता है।
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