उज्जैन। इस बार गेहूँ की फसल अच्छी होने के बावजूद भी सरकारी खरीदी केंद्रों पर ट्रैक्टर ट्राली की कतार नजर नहीं आ रही है, इसलिए सरकार द्वारा खरीदी का जो लक्ष्य तय किया गया था उसका आधा गेहूं भी जिले के समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर नहीं बिकने आया।
इस बार गेहूँ की फसल बहुत अच्छी हुई है माना जा रहा था कि पिछले साल की अपेक्षा समर्थन मूल्य की खरीदी में करीब 700 मैट्रिक टन गेहूं खरीदा जायेगा लेकिन इस बार 13 मई तक जिले के 178 सरकारी खरीदी केंद्रों पर 287 मैट्रिक टन गेहूं ही बिकने आया है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि यूक्रेन जहां गेहूं की बहुत अच्छी फसल होती है और कई देशों में यह गेहूं जाता है लेकिन इस बार युद्ध की वजह से यूक्रेन में फसल चौपट हो गई है और इसी के चलते भारत से विदेशी व्यापारियों ने गेहूँ की खरीदी की है और कांडला पोर्ट तथा अन्य जगह से जहां से गेहूं विदेश पहुंचाया जा रहा है। किसानों को समर्थन मूल्य 2050 से भी अधिक भाव मिल रहा है इसी के चलते व्यापारी एमएसपी से अधिक दामों पर गेहूं खरीद रहे हैं और गेहूं विदेश भेजने में रुचि ले रहे हैं वहीं मंडी में भी एमएसपी से अधिक दाम मिल रहे हैं। इसी के चलते किसानों की रूचि गेहूं समर्थन मूल्य केंद्रों पर बेचने में कम रही।
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